देश का यात्री वाहनों (PV) का निर्यात चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में दो प्रतिशत बढ़कर 1,60,590 इकाई पर पहुंच गया। वाहन विनिर्माताओं के संगठन ‘सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स’ (सियाम) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
मारुति सुजुकी रही सबसे आगे
यात्री वाहनों का निर्यात जुलाई-सितंबर, 2021 में 1,57,551 इकाई रहा था। आंकड़ों के मुताबिक, बीती तिमाही में मारुति सुजुकी इंडिया (MSI) 1.31 लाख से अधिक वाहनों के निर्यात के साथ इस खंड में सबसे आगे रही। हालांकि, समीक्षाधीन अवधि के दौरान यात्री कारों के निर्यात में पांच प्रतिशत की गिरावट देखी गई, जबकि उपयोगिता वाहन निर्यात 16 प्रतिशत बढ़कर 63,016 इकाई हो गया। वहीं वैन का निर्यात भी घटकर 274 इकाई रह गया। इस अवधि के दौरान मारुति सुजुकी इस श्रेणी में अग्रणी रही। इसके बाद दूसरे और तीसरे स्थान पर क्रमशः हुंदै मोटर इंडिया (HMI) और किआ इंडिया हैं।
कुल वाहनों का निर्यात सितंबर तिमाही में घटा
देश की सबसे बड़ी कार कंपनी MSI ने आलोच्य अवधि में 1,31,070 यात्री वाहनों का निर्यात किया। इसने एक साल पहले इसी अवधि में 1,03,622 इकाइयों का निर्यात किया गया था। HMI का बीती तिमाही का निर्यात 11 प्रतिशत बढ़कर 74,072 इकाई हो गया। एक साल पहले की अवधि में यह संख्या 66,994 इकाई रहा था। इसी तरह किआ इंडिया ने समीक्षाधीन अवधि में वैश्विक बाजारों में 44,564 इकाइयों का निर्यात किया। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि इसने 23,213 इकाइयों का निर्यात किया गया था। वहीं निसान मोटर इंडिया ने 25,813 इकाई और रेनो ने 18,614 इकाइयों का निर्यात किया। जबकि होंडा कार्स इंडिया का निर्यात13,326 इकाई रहा। इसके अलावा फॉक्सवैगन इंडिया ने जुलाई-सितंबर की अवधि में 9,641 इकाइयों का निर्यात किया। हालांकि वाणिज्यिक वाहनों और दोपहिया एवं तिपहिया समेत कुल वाहनों का निर्यात सितंबर तिमाही में घटकर 12,54,560 इकाई रह गया।
सियाम के अध्यक्ष विनोद अग्रवाल ने कहा कि स्थानीय मुद्राओं की तुलना में अमेरिकी डॉलर की मजबूती के साथ, एशिया और लातिन अमेरिका के विभिन्न देशों को विदेशी मुद्रा की सुरक्षा के लिए आयात प्रतिबंध लगाने के लिए मजबूर किया गया है।