आपूर्ति शृंखला के अवरोध वाहन कंपनियोंं पर असर डालते रहेंगे जबकि मांग में खासा सुधार हुआ है, जिससे बिक्री में दो अंकों की बढ़ोतरी हुई।
वाहन कंपनियों के अधिकारियों को डर है कि रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध से इस क्षेत्र की रिकवरी पर असर डालेगा क्योंंकि आपूर्ति शृंखला को और अवरोध का सामना करना होगा।
वित्त वर्ष 22 में वाहन उद्योग ने एक साल पहले के मुकाबले बिक्री में 13 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की।
मारुति के कार्यकारी निदेशक शशांक श्रीवास्तव ने कहा, आपूर्ति के मामले में स्पष्टता इतना धुंधला है कि एक तिमाही का अनुमान बताना भी मुश्किल है। लेकिन मांग के सभी मानकों मसलन बुकिंग व पूछताछ में इजाफा हो रहा है। लेकिन आपूर्ति अवरोध के कारण लंबित डिलिवरी में इजाफा हो रहा है, जिसे हम घटाना चाहते हैं।
हालांकि देश की सबसे बड़ी कार विनिर्माता की घरेलू बिक्री में मार्च में 8.4 प्रतिशत की गिरावट आई है, लेकिन इसने निर्यात के जरिये इसकी भरपाई कर ली है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 128 प्रतिशत बढ़कर 26,496 इकाई हो चुका है।
हुंडई, जो दूसरी सबसे बड़ी कार विनिर्माता है, की बिक्री मार्च में पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले 14 प्रतिशत गिरकर 55,287 इकाई रह गई।
टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा ने कहा, ‘कुछ खास इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों की किल्लत के बावजूद, हमने 123,051 वाहनों की तिमाही बिक्री दर्ज की, जो वित्त वर्ष 2021 की चौथी तिमाही के मुकाबले 47 प्रतिशत की वृद्घि है। हमने वित्त वर्ष का समापन 42,293 वाहनों की सर्वाधिक मासिक बिक्री के साथ किया, जो मार्च 2021 के मुकाबले 43 प्रतिशत की तेजी है और 29,559 वाहनों की एसयूवी बिक्री दर्ज की।’ कंपनी की ईवी बिक्री 353 प्रतिशत की वृद्घि के साथ तेजी से बढ़ी है।
चंद्रा ने कहा, ‘हमारी सालाना ईवी बिक्री 19,106 वाहनों पर पहुंच गई, जो वित्त वर्ष 2021 के मुकाबले 353 प्रतिशत की वृद्घि है। ईवी की तिमाही बिक्री 9,095 के आंकड़े के साथ सर्वाधिक रही और वित्त वर्ष 2021 की चौथी तिमाही के मुकाबले इसमें 432 प्रतिशत की वृद्घि दर्ज की गई तथा मार्च 2022 के लिए ईवी बिक्री भी मार्च 2021 के मुकाबले 377 प्रतिशत अधिक रही।’
हालांकि ग्रामीण बिक्री चिंता का विषय बनी रही जिससे ट्रैक्टर और दोपहिया बिक्री में धीमी वृद्घि का पता चलता है। महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के लिए कुल ट्रैक्टर बिक्री 4 प्रतिशत तक घटी, जबकि टीवीएस मोटर्स के लिए बिक्री में 4.5 प्रतिशत तक की कमी आई। महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के अध्यक्ष (फार्म इक्विपमेंट सेक्टर) हेमंत सिक्का ने कहा, ‘भविष्य में खरीफ रकबे की रिकॉर्ड पैदावार से गेहूं, गन्ना और कपास जैसी कृषि उपजों का निर्यात बढ़ेगा और इससे किसानों की वित्तीय स्थिति में सुधार आएगा।’
विश्लेषकों का कहना है कि इस वित्त वर्ष का अल्पावधि से मध्यावधि परिदृश्य रूस-यूक्रेन संकट के साथ पैदा हुए मौजूदा हालात पर निर्भर है, क्योंकि इसका वैश्विक वाहन आपूर्ति शृंखला (भारत समेत) पर प्रभाव पड़ सकता है। ग्रांट थॉर्नटन भारत में पार्टनर एवं वाहन क्षेत्र के प्रमुख साकेत मेहरा ने कहा, ‘वित्त वर्ष 2023 वाहन क्षेत्र के लिए सतर्कतापूर्वक आशान्वित दिख रहा है। अनुमान जताया जा रहा है कि आर्थिक सूचकांक में सुधार से मांग बढ़ेगी और दोपहिया बिक्री को भी बढ़ावा मिलेगा। सेमीकंडक्टर आपूर्ति शृंखला में सुधार और तेल कीमतों में नरमी से घरेलू बिक्री कोविड से पहले जैसी स्थिति में लौट सकती है।’