वाहनों का पंजीकरण सभी श्रेणियों में दिसंबर के दौरान सालाना आधार पर 16.05 फीसदी घटकर 15,58,756 वाहन रह गया, फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) ने बुधवार को यह जानकारी दी। दोपहिया में 19.86 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई, जिसने कुल वाहन पंजीकरण वॉल्यूम को नीचे खींच लिया। दिसंबर 2019 से तुलना करें तो खुदरा बिक्री सालाना आधार पर 6.30 फीसदी घटा।
डीलर निकाय विभिन्न राज्य सरकारों की तरफ से कोविड को लेकर पाबंदी लगाए जाने के बीच आगे की राह को लेकर सतर्क बना हुआ है। ऑनलाइन क्लाइसेज व वर्क फ्रॉम होम फिर से बहाल हो चुका है और इसका वाहनों की खुदरा बिक्री पर नकारात्मक असर होगा। स्वास्थ्य सेवापर खर्च बढऩे के डर से ग्राहक वाहन खरीद का फैसला टाल रहे हैं।
फाडा के अध्यक्ष विंकेश गुलाटी ने कहा, इस गिरावट की प्राथमिक वजह सेमीकंडक्टर की किल्लत है, जिससे कार निर्माता पेशकश नहींं कर पाए व छूट देने में अक्षम रहे। उन्होंने कहा, सामान्य तौर पर दिसंबर में विनिर्माता अपनी इन्वेंटरी पेशकश व छूट के साथ आगे बढ़ाते है लेकिन इस बार इन्वेंट्री नहीं थी, लिहाजा ऐसा नहीं हो पाया।
गुलाटी को लगता है कि चिप की किल्लत जल्द खत्म नहीं होने वाली, जो ग्राहकोंं को कारों की डिलिवरी में देर कर रहा है। उन्होंंने कहा, हम ग्राहकों के लगातार संपर्क में हैं। कभी-कभी वे दूसरे मॉडल पंसद कर लेते हैं या फिर इंतजार के लिए तैयार रहते है लेकिन अब ग्राहक कार खरीदने का फैसला टाल रहे हैं।
इस बीच, यात्री वाहनोंं के मुकाबले स्कूटर व मोटरसाइकल का कमजोर प्रदर्शन जारी रहा। ऊंची लागत, ग्रामीण इलाके की कमजोर अवधारणा, वर्क फ्रॉम होम और ओमीक्रोन के पैर पसारने से बिक्री पर असर पड़ा है। दोपहिया की बिक्री सालाना आधार पर दिसंबर में 20 फीसदी घटी और यह 11,48,732 रह गया।
उधर, वाणिज्यिक वाहनों में मध्यम व हैवी डयूटी ट्रकों का प्रदर्शन हल्के वाणिज्यिक वाहनों के मुकाबले बेहतर बना रहा। बुनियादी ढांचे पर सरकारी खर्च बढऩे, मालभाड़े की बेहतर दरें, जनवरी में कीमत बढ़ोतरी का ऐलान और निचले आधार से इसे सहारा मिला।
गुलाटी ने कहा, जमीनी आर्थिक हालात बहुत अच्छे नहीं हैं। या तो लोगों ने नौकरियां गंवाई है या आय का स्तर घटा है, जो दोपहिया बिक्री पर असर डाल रहा है। मुझे नहींं लगता कि यह इस साल सुधरेगा।