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वाहनों का पंजीकरण बढ़ा

Last Updated- December 12, 2022 | 1:16 AM IST

अगस्त महीने में सभी श्रेणियों के वाहनों का पंजीकरण 15 फीसदी बढ़ गया लेकिन अब भी यह अगस्त 2019 में पंजीकृत वाहनों से कम ही है। वाहन डीलरों के संगठन फाडा ने कहा कि सभी वाहन श्रेणियों में तेजी लौट रही है लेकिन दोपहिया वाहनों का पंजीकरण चिंता का विषय बना हुआ है। प्रवेश स्तर के वाहनों में दिख रही कमजोरी की वजह से मोटरसाइकिल एवं स्कूटरों का पंजीकरण अगस्त 2020 की तुलना में पिछले महीने 6.66 फीसदी की धीमी दर से ही बढ़ा है। इसे लोगों की क्रयशक्ति में आई कमजोरी की निशानी के तौर पर देखा जा रहा है।
अगस्त 2019 के आंकड़ों से तुलना करें तो दोपहिया वाहनों के पंजीकरण में आई 22.62 फीसदी की गिरावट कहीं ज्यादा तीव्र है। इसके अलावा जुलाई 2021 के 11,32,611 वाहनों की तुलना में भी अगस्त में 9,76,051 दोपहिया वाहन ही पंजीकृत हुए। फाडा ने मंगलवार को बताया कि कीमतों में कई बार बढ़ोतरी करने से भी लोग खरीद से दूर रहे। इसके अलावा पेट्रोल के बढ़ते दाम और शिक्षण संस्थानों के बंद रहने से भी लोग नए वाहन खरीदने से परहेज करते दिखे। समाज के कमजोर तबके के लोग अनिश्चितता के मौजूदा दौर में खर्च के बजाय बचत को तरजीह दे रहे हैं। फाडा के मुताबिक, इस प्रवृति से आगे भी दोपहिया वाहनों की मांग कम रह सकती है।

हालांकि शिक्षण संस्थानों के धीरे-धीरे खुलने से दोपहिया वाहनों के लिए उम्मीद की एक किरण नजर आने लगी है। कुल मोटरसाइकिल बाजार में करीब 70 फीसदी हिस्सेदारी प्रवेश स्तर के वाहनों की ही है। वैसे फाडा के अध्यक्ष विनकेश गुलाटी का मानना है कि महामारी फैलने के पहले भी प्रवेश स्तर के  दोपहिया वाहनों की बिक्री सुस्त ही चल रही थी। मोटरसाइकिलों की करीब 55 फीसदी बिक्री ग्रामीण भारत में होती है लेकिन दूसरी लहर में यह क्षेत्र भी चपेट में आ गया था।
बाजार की अगुआ कंपनी हीरो मोटोकॉर्प की खुदरा बिक्री एवं बाजार हिस्सेदारी में आई गिरावट इस हालत को बखूबी बयां करती है। अगस्त 2021 में हीरो के वाहनों की बिक्री या पंजीकरण घटकर 3,13,074 पर आ गया जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह आकंड़ा 3,32,559 वाहनों का था। इस दौरान हीरो की बाजार हिस्सेदारी भी 36.34 फीसदी से घटकर 32.08 फीसदी पर आ गई।

इस बीच यात्री वाहनों के विनिर्माता भी तगड़ी मांग के बावजूद आपूर्ति संबंधी मुश्किलों से जूझ रहे हैं। सेमी-कंडक्टर एवं एबीएस चिपों की उपलब्धता कम होने और धातुओं के दाम बढऩे से उन्हें अपने उत्पादन में कटौती करनी पड़ रही है। फाडा का कहना है कि ऐसी स्थिति में शायद पहली बार ग्राहकों को इस त्योहारी मौसम में अपनी पसंद की गाडिय़ां मिलने में दिक्कत होगी। इसके अलावा बार-बार दाम बढ़ाने से भी प्रवेश स्तर के खरीदार छिटक रहे हैं।

First Published - September 7, 2021 | 10:30 PM IST

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