खेल

WPL: सानिया RCB महिला खिलाड़ियों को खेल के मानसिक पहलुओं से रूबरू करवाएंगी

सानिया को RCB ने WPL के लिए अपना मार्गदर्शक (मेंटोर) बनाया है। RCB का नेतृत्व भारतीय सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना कर रही है और टीम रविवार को अपने अभियान का आगाज दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ करेगी।

Published by
भाषा
Last Updated- March 04, 2023 | 2:04 PM IST

दिग्गज टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा को क्रिकेट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है लेकिन महिला प्रीमियर लीग (WPL) के शुरुआती सत्र में वह खिलाड़ी के तौर पर वह रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर (RCB) के युवा क्रिकेटरों को मानसिक पहलुओं से निपटने के बारे में बतायेंगी।

सानिया को RCB ने WPL के लिए अपना मार्गदर्शक (मेंटोर) बनाया है। RCB का नेतृत्व भारतीय सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना कर रही है और टीम रविवार को अपने अभियान का आगाज दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ करेगी।

RCB ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो साझा किया है जिसमें सानिया टीम के खिलाड़ियों से बातचीत करती दिख रही है। सानिया ने इस वीडियो में कहा, ‘मैं क्रिकेट के बारे में कुछ नहीं जानती। मैंने सोचा (जब मुझे मेंटोर बनाया गया था) मैं क्या करने जा रही हूं, मैं लड़कियों से क्या बात करूंगी। मैं हाल ही में खेल को अलविदा कहा है। मैं सोचा कि जीवन में मेरा अगला कदम भारत की महिला खिलाड़ियों को मदद करना होगा।’

सानिया ने कहा, ‘किसी भी खेल में मैं मानसिक पहलू को लेकर मदद करने कर सकती हूं। मैंने पिछले 20 वर्षों से इसका सामना किया है।’ सानिया से एक खिलाड़ी ने पूछा कि उनके लिए संन्यास लेना कितना मुश्किल फैसला था। इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘मैं वास्तव में इसके लिए तैयार थी। मेरा एक बेटा है जो चार साल का है और ईमानदारी से कहूं तो पिछला एक साल संघर्षपूर्ण रहा है। मेरे तीन ऑपरेशन हुए। मैंने हालांकि शीर्ष रहते हुए खेल को अलविदा कहने का सोचा था। मैं बस रुकना चाहती थी।’

सानिया ने कहा कि मेंटोर के रूप में उनकी भूमिका RCB को WPL खिताब की ओर बढ़ने में मदद करने की होगी। उन्होंने कहा, ‘मैं व्यक्तिगत खेल में थी, इसलिए फोटो शूट, मीडिया का ध्यान सब कुछ मैंने अपने दम पर संभाला। ऐसे में मैंने सोचा कि लड़कियों से इस तरह की चीजें साझा कर सकती हूं।’

इस पूर्व खिलाड़ी ने कहा, ‘खेल में दबाव महसूस करना सामान्य है लेकिन आपको बस इससे निपटने का तरीका ढूंढना होगा। आपको बाहर की चर्चा को अनसुना करना होगा। ऐसे मामलों में भारतीय मीडिया सख्त है।’

संघर्ष को हर खिलाड़ी के जीवन का हिस्सा बताते हुए सानिया ने कहा, ‘हर चीज में संघर्ष है। हमें कोर्ट (टेनिस खेलने की जगह) नहीं मिलता था, हम ऐसे कोर्ट पर खेलते थे जिसे गोबर से लीपा जाता था। हमारे पास कोच नहीं थे। जो कोच थे वे विशेषज्ञ नहीं थे। फिर लड़कियों का अपना एक अलग संघर्ष होता है।’

उन्होंने कहा, ‘एक एथलीट के रूप में हमारा काम अगली पीढ़ी को प्रेरित करना है। चैंपियन वह नहीं हैं जो हर समय जीत रहा हो, असली चैंपियन वह हैं जो खराब लय के होने के बाद भी जीतने का जज्बा दिखाता है।’ उन्होंने कहा, ‘आपको यह याद रखना होगा कि आपने क्रिकेट खेलना क्यों शुरू किया, क्योंकि आप इस खेल से प्यार करते हैं।’

First Published : March 4, 2023 | 2:04 PM IST