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Auto PLI Scheme: 82 में से सिर्फ 12 कंपनियों ने हासिल किया 50% डोमेस्टिक वैल्यू एडिशन का टारगेट

अनिवार्य 50 फीसदी घरेलू मूल्यवर्धन लक्ष्य हासिल करने वाली कंपनियों में 6 मूल उपकरण विनिर्माता (ओईएम) चैंपियन और 6 कलपुर्जा चैंपियन शामिल हैं।

Last Updated- December 25, 2024 | 11:05 PM IST
Auto PLI Scheme: Only 12 out of 82 companies achieved the target of 50% domestic value addition 82 में से सिर्फ 12 कंपनियों ने हासिल किया 50% डोमेस्टिक वैल्यू एडिशन का टारगेट

वाहन एवं वाहन कलपुर्जा उद्योग के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (वाहन पीएलआई) योजना के तहत स्वीकृत 82 आवेदकों में से महज 12 ने अनिवार्य 50 फीसदी घरेलू मूल्यवर्धन (डीवीए) लक्ष्य को हासिल किया है। भारी उद्योग मंत्रालय के 20 दिसंबर, 2024 तक के आंकड़ों से यह खुलासा हुआ है।

अनिवार्य 50 फीसदी घरेलू मूल्यवर्धन लक्ष्य हासिल करने वाली कंपनियों में 6 मूल उपकरण विनिर्माता (ओईएम) चैंपियन और 6 कलपुर्जा चैंपियन शामिल हैं। ओईएम चैंपियन में टाटा मोटर्स, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा, ओला इलेक्ट्रिक टेक्नोलॉजिज, आयशर मोटर्स, टीवीएस मोटर और बजाज ऑटो शामिल हैं।

लक्ष्य हासिल करने वाले कलपुर्जा विनिर्माताओं में सोना बीएलडब्ल्यू प्रिसिजन फोर्जिंग्स, बॉश ऑटोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक्स, डेल्फी टीवीएस टेक्नोलॉजिज, टोयोटा किर्लोस्कर ऑटो पार्ट्स, दाना टीएम4 इंडिया और टाटा ऑटोकॉम्प सिस्टम ने यह उपलब्धि हासिल की है।

वाहन पीएलआई योजना के तहत पात्रता के लिए न्यूनतम 50 फीसदी घरेलू मूल्यर्धन को अनिवार्य किया गया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार ने एक चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम (पीएमपी) तैयार किया है जो इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए फेम-2 योजना जैसा है।

वाहन पीएलआई योजना के तहत अनुपालन की रफ्तार सुस्त होने से पता चलता है कि प्रोत्साहन के बावजूद कंपनियों को अनिवार्य 50 फीसदी घरेलू मूल्यवर्धन जरूरतों को पूरा करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

वाहन पीएलआई योजना को 5 साल के दौरान 25,938 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय के साथ 2021 में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य बैटरी से चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों और हाइड्रोजन फ्यूल सेल से चलने वाले वाहनों के साथ-साथ शून्य उत्सर्जन वाले वाहनों (जेडईवी) के निर्माण को बढ़ावा देना है।

वाहन पीएलआई योजना के तहत प्रोत्साहन वित्त वर्ष 2023 से वित्त वर्ष 2027 तक लागू हैं, जबकि रकम की निकासी वित्त वर्ष 2024 से वित्त वर्ष 2028 तक निर्धारित है। इस योजना का उद्देश्य उन्नत वाहन प्रौद्योगिकी (एटीटी) में व्यापक स्थानीयकरण को बढ़ावा देना और एक दमदार घरेलू एवं वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला नेटवर्क तैयार करना है।

वाहन पीएलआई योजना के तहत 82 आवेदकों में से 12 कंपनियों- 11 कलपुर्जा चैंपियंस और एक ओईएम चैंपियन- ने इस योजना के पहले दो वर्षों के दौरान कोई निवेश नहीं किया।

इस योजना के दिशानिर्देशों के अनुसार, शुरुआती दो वर्षों के भीतर निवेश करने में विफल रहने वाले आवेदकों को योजना से बाहर कर दिया जाएगा और उनकी बैंक गारंटी जब्त की जा सकती है।

चैंपियन ओईएम प्रोत्साहन योजना के तहत भारी उद्योग मंत्रालय ने 20 आवेदकों और उनकी 12 सहायक कंपनियों को मंजूरी दी है। इन कंपनियों को 3 श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है।

पहली श्रेणी में अशोक लीलैंड, टाटा मोटर्स और ह्युंडै मोटर इंडिया जैसे ओईएम चैंपियन शामिल हैं, जबकि दूसरी श्रेणी में बजाज ऑटो, हीरो मोटोकॉर्प और टीवीएस मोटर जैसी दोपहिया एवं तिपहिया वाहन विनिर्माताओं को रखा गया है। तीसरी श्रेणी में ओला इलेक्ट्रिक, एलेस्ट प्राइवेट लिमिटेड और ऐक्सिस क्लीन मोबिलिटी जैसी नई कंपनियां शामिल हैं।

First Published - December 25, 2024 | 11:05 PM IST

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