गूगल भारत में स्मार्टफोन और ड्रोन बनाने के लिए तमिलनाडु में अरबों डॉलर का निवेश करने की तैयारी में है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, टेक्नॉलॉजी दिग्गज कंपनी भारत में अपने उत्पादन को तेजी से बढ़ा रही है। गूगल इस कदम से चीन के बाहर अन्य देशों में भी अपना निर्माण कार्य फैलाना चाहता है, जिसकी राह पहले ही एपल जैसी कंपनियों ने दिखाई है।
इस साझेदारी में ताइवानी दिग्गज फॉक्सकॉन के साथ मिलकर नई उत्पादन लाइनों का इस्तेमाल कर तमिलनाडु में गूगल अपने पिक्सल फोन को असेंबल करेगी। साथ ही, गूगल की ड्रोन सब्सिडियरी कंपनी विंग भी वहां अपने ड्रोन को असेंबल करने के लिए उत्पादन लाइन लगाएगी।
बता दें कि तमिलनाडु सरकार के उद्योग मंत्री टी.आर.बी. राजा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिका में गूगल के टॉप अधिकारियों के साथ मुलाकात की थी और तमिलनाडु को निर्माण के लिए एक बढ़िया जगह बताया था, जिसके बाद यह फैसला सामने आया है।
गूगल ने अभी तक इस निवेश की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन यह कदम कंपनी की पिछली घोषणा से जुड़ा हुआ है, जहां उसने भारत में पिक्सल 8 स्मार्टफोन का उत्पादन शुरू करने की बात कही थी, लेकिन लोकेशन बताने से इनकार कर दिया था। भारत में फोन बनाने का यह फैसला एप्पल और सैमसंग जैसी दूसरी बड़ी टेक कंपनियों की सफलता को देखते हुए लिया गया है, जिन्होंने पहले ही देश में अपने निर्माण कारखाने लगा लिए हैं।
तमिलनाडु के लिए, ये निवेश एक बड़ी जीत है। राज्य अपने उत्पादन क्षेत्र को बदलने की कोशिश कर रहा है, ताकि सिर्फ “भारत का डेट्रॉइट” के रूप में जानी जाने वाली पुरानी पहचान से आगे बढ़ सके। राज्य का लक्ष्य है कि वो नई टेक्नॉलॉजी वाली निर्माण परियोजनाओं को अपनी ओर खींचे और अपनी अर्थव्यवस्था को ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रों में फैलाए।
भारत में टेक्नॉलॉजी कंपनियों का आना, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए भी फायदे का सौदा है, जिन्होंने “मेक इन इंडिया” पहल को काफी आगे बढ़ाया है। सरकार की तरफ से उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन भी वैश्विक स्तर पर निर्माण करने वाली कंपनियों को भारत लाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।