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लैपटॉप, टैबलेट के आयात प्रतिबंध नियमों में सरकार दे रही ढील, Apple, HP जैसी कंपनियों को मिलेगा और वक्त

डेल, एचपी, लेनोवो ग्रुप लिमिटेड, फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप और असस्टेक कंप्यूटर इंक सहित कंपनियों ने भारत में लैपटॉप, टैबलेट और अन्य उत्पाद बनाने के लिए सब्सिडी की मांग की है

Last Updated- September 25, 2023 | 1:08 PM IST
Laptop, tablet imports from China surged 47% to $273.6 million in March चीन से लैपटॉप, टैबलेट का 47 फीसदी बढ़ा आयात, मार्च में मंगाए गए 27.36 करोड़ डॉलर के प्रोडक्ट्स

भारत ने लैपटॉप, टैबलेट और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों के आयात पर लगने वाले प्रतिबंध में नरमी बरतना शुरू कर दिया है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, ऐपल इंक, HP, डेल टेक्नोलॉजीज लिमिटेड और कई ऐसे मैन्युफैक्चरर्स को सरकार की तरफ से लगाए जाने वाले प्रतिबंध को लेकर तैयार रहने के लिए और वक्त मिलेगा।

क्यों लग रहा है लैपटॉप या अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों के आयात पर प्रतिबंध

भारत सरकार की पॉलिसी के जानकार लोगों ने बताया कि दक्षिण एशियाई देश टेक सामानों के आयात के लिए जरूरी लाइसेंसिंग आवश्यकता को खत्म कर रहा है, और इसके बजाय ऐसी कंपनियों को केवल इम्पोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम के तहत रजिस्ट्रेशन करने के लिए कहेगा। ब्लूमबर्ग की खबर के मुताबिक, इस सिस्टम की शुरुआत 1 नवंबर से हो सकती है।

भारत कन्ज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने का प्रयास करते हुए लोकल प्रोडक्शन को बढ़ावा देना चाहता है। केंद्र सरकार ने पिछले महीने ऐपल और सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी जैसी कंपनियों को झटका दिया था और अचानक जरूरी लाइसेंस के बिना लैपटॉप और टैबलेट के आयात पर अंकुश लगाने की योजना की घोषणा की थी। एक दिन बाद भारत के ट्रेड रेगुलेटर ने इस कदम में तीन महीने का वक्त और बढ़ा दिया औऱ कंपनियों को लोकल प्रोडक्शन के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए तैयार होने का समय दिया।

क्या है लैपटॉप, टैबलेट के आयात पर लेटेस्ट प्लान?

अगर लेटेस्ट प्लान की बात की जाए तो भारत में टैबलेट और लैपटॉप से ​​लेकर डेस्कटॉप कंप्यूटर और सर्वर तक सब कुछ लाने वाली सभी कंपनियों को रजिस्ट्रेशन कराना होगा। लेकिन यह पहले से लागू लाइसेंसिंग सिस्टम के विपरीत होगा। पहले कंपनियां से आयात में तुरंत कटौती की उम्मीद की जाती थी लेकिन नए नियम लगभग छह से नौ महीने तक आने वाले शिपमेंट में कोई लिमिट नहीं लगाएंगे।

आयात पर कोटा धीरे-धीरे लागू हो सकता है क्योंकि कंपनियां लोकल लेवल पर लैपटॉप, टैबलेट और अन्य हार्डवेयर की मैन्युफैक्चरिंग शुरू कर देंगी। लोगों ने कहा कि प्रत्येक कंपनी के कोटा की साइज उसके लोकल प्रोडक्शन, आईटी हार्डवेयर के आयात के साथ-साथ भारत से ऐसे उत्पादों के निर्यात पर निर्भर करेगा।

क्यों लागू हो रहे ये नियम

यह प्रतिबंध और नए नियमों को लागू करने की सरकार की कोशिश प्रोडक्शन बढ़ाने और भारत में एक वर्ल्ड लेवल की टेक मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभियान का हिस्सा है। कंपनियां भी चीन के अलावा अन्य देशों से सप्लाई करने के लिए प्रोडक्शन करना चाहती हैं ऐसे में भारत बेहतर विकल्प साबित हो रहा है। भारत ने इस साल दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश में कंप्यूटर मैन्युफैक्चरर्स को आकर्षित करने के लिए 2.1 अरब डॉलर की PLI योजना शुरू की है।

डेल, एचपी, लेनोवो ग्रुप लिमिटेड, फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप और असस्टेक कंप्यूटर इंक सहित कंपनियों ने भारत में लैपटॉप, टैबलेट और अन्य उत्पाद बनाने के लिए सब्सिडी की मांग की है।

First Published - September 25, 2023 | 1:08 PM IST

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