देश से निर्यात होने वाले तमाम सामान में इलेक्ट्रॉनिक्स का निर्यात एक पायदान ऊपर चढ़कर पांचवें स्थान पर पहुंच गया है। इसे मोबाइल फोन खासकर ऐपल के आईफोन निर्यात से सहारा मिला है। पिछले वित्त वर्ष में 29.1 अरब डॉलर का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात हुआ व उसने 27.8 अरब डॉलर निर्यात वाले ड्रग्स एवं फार्मा को पछाड़ दिया।
इलेक्ट्रॉनिक्स का निर्यात चौथे स्थान पर मौजूद कार्बनिक व अकार्बनिक रसायनों के निर्यात के करीब पहुंच गया है। 2023-24 में रसायनों का निर्यात 3 प्रतिशत घटकर 29.4 अरब डॉलर रह गया।
वाणिज्य विभाग के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक्स का निर्यात वित्त वर्ष 2022-23 के 23.6 डॉलर से करीब 24 प्रतिशत बढ़ा है। शीर्ष 10 श्रेणियों में इसका निर्यात सबसे तेजी से बढ़ा है।
इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में इजाफे की वजह सेलफोन हैं। इंडियन सेल्युलर ऐंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन के मुताबिक मोबाइल फोन का निर्यात 2022-23 की तुलना में करीब 38 प्रतिशत बढ़कर 15.5 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इस तरह कुल इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में इसकी हिस्सेदारी 53 प्रतिशत हो गई। 2022-23 में 11.1 अरब डॉलर के मोबाइल फोन का निर्यात हुआ था और कुल इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में इसकी हिस्सेदारी 47 प्रतिशत थी।
मोबाइल निर्यात बढ़ने में प्रमुख भूमिका ऐपल के आईफोन की रही है। वित्त वर्ष 2022-23 में 5 अरब डॉलर के निर्यात वाले आईफोन का निर्यात पिछले वित्त वर्ष में बढ़कर 10 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जबकि इसी दौरान देश से वाणिज्यिक निर्यात 2022-23 की तुलना में 3 प्रतिशत गिर गया।
वित्त वर्ष 2023 की तुलना में इलेक्ट्रॉनिक्स का निर्यात 5.5 अरब डॉलर बढ़ा है, जिसमें 90 प्रतिशत योगदान आईफोन के निर्यात का है। भारत से इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के निर्यात में आईफोन की हिस्सेदारी 35 प्रतिशत है।
इससे संकेत मिलता है कि उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना ने स्मार्टफोन उत्पादन बढ़ाने में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। इस से इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात बढ़ा है, जो 2019 से 2023 के बीच प्रमुख निर्यात वस्तुओं में सातवें स्थान पर था। मगर वित्त वर्ष 2024 में यह पांचवें स्थान पर पहुंच गया है।