केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नगरीय बस परिवहन सेवा का विस्तार करने, उसे सुविधाजनक बनाने तथा हरित आवाजाही को बढ़ाने के लिए ‘पीएम-ई बस सेवा’ को मंजूरी दी जिस पर 10 वर्षो में 57,613 करोड़ रूपये खर्च किये जाएंगे।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इस में उन शहरों को प्राथमिकता दी जाएगी जहां व्यवस्थित परिवहन सेवा की कमी है।
केंद्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर चलाएगी यह स्कीम
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम पर 57,613 करोड़ रूपये खर्च किये जाएंगे और 10 हजार इलेक्ट्रिक बसों की सेवाएं उपलब्ध कराई जायेंगी। यह राशि 10 वर्ष में खर्च की जाएगी। इसके लिए केंद्र सरकार 20 हजार करोड़ रूपये देगी और शेष राशि राज्यों को देनी होगी।
ठाकुर ने बताया कि देश में 3 लाख से 40 लाख की आबादी वाले 169 शहर हैं और इस कार्यक्रम के लिए इनमें से ‘चैलेंज मोड’ के आधार पर 100 शहरों का चयन किया जायेगा। ई-बसें सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP) के तहत इन चुने गए शहरों में परिचालित की जाएंगी।