GST on two-wheelers: सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (Siam) ने भारी उद्योग मंत्रालय से कम-कार्बन उत्सर्जन वाले दोपहिया वाहनों पर वस्तु और सेवा कर (GST) में कटौती की मांग की है। सायम (Siam) ने इस प्रस्ताव के लिए केंद्रीय मंत्रालय को लेटर लिखा है।
सायम की इस मांग में इंटर्नल कंबस्टन इंजन (ICE) फ्लेक्स-फ्यूल टू व्हीलर्स, ICE कंपोज्ड नेचुरल गैस (CNG) टू व्हीलर, 350 से ज्यादा cc वाले दोपहिया वाहनों पर बिना किसी उपकर (cess ) के 28 से घटाकर 18 फीसदी GST शामिल है। प्रस्ताव में कहा गया है कि सभी दोपहिया वाहनों के लिए GST बेस रेट को 18 फीसदी तक घटाया जाए।
जब सभी दोपहिया वाहनों के लिए GST बेस रेट को 18 फीसदी तक घटा दिया जाता है, तब कम-कार्बन उत्सर्जन वाले दोपहिया वाहनों के लिए GST को 12 फीसदी तक और घटाने की जरूरत है, ताकि सामान्य दोपहिया वाहनों और कम-कार्बन दोपहिया वाहनों के बीच एक अंतर बना रहे।
Siam का कहना है कि यह इस मांग को पूरा करने का सबसे सीधा और साफ तरीका है। इसमें सब्सिडी की भी जरूरत नहीं है।
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अगर इसे लागू किया जाता है, तो इससे बजाज ऑटो (Bajaj Auto) को फायदा होगा, जो बहुत जल्द एक सीएनजी-चालित इलेक्ट्रिक स्कूटर (CNG-powered electric scooter) लॉन्च करने वाला है। बजाज पहले से ही ई-स्कूटर में तीसरी सबसे बड़ी कंपनी हैं, जिसपर GST केवल 5 फीसदी है।
अपने लेटर में, भारत में सभी प्रमुख वाहन और वाहन इंजन मैन्युफैक्चरर का प्रतिनिधित्व करने वाली सबसे बड़ी राष्ट्रीय संस्था सायम (Siam) ने भारत में दोपहिया वाहनों पर ज्यादा GST टैक्स को भी उजागर किया है, जो अन्य देशों की मुकाबले ज्यादा है। भारत में 28 फीसदी GST लगता है, जबकि ब्राजील में 9.25 फीसदी, वियतनाम में 10 फीसदी, थाईलैंड में 7 फीसदी और इंडोनेशिया में 11 फीसदी GST है।
Siam ने पत्र में आगे लिखा है कि भारत को सभी दोपहिया वाहनों पर GST को 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी करना चाहिए, जो इंडस्ट्री की एक लंबे समय से चली आ रही मांग है।
एक प्रमुख दोपहिया कंपनी के सीनियर अधिकारी का कहना है कि कम-कार्बन उत्सर्जन वाले दोपहिया वाहनों के लिए यह दुनिया का पहला कदम भारत को तेजी से एक ग्रीन और ज्यादा ईंधन-कुशल देश बनाने की दिशा में अग्रसर करेगा, जो किसी अन्य तरीके से संभव नहीं है।
CNG वाहन चलाने के लिए के लिए ऑपरेटिंग खर्च पेट्रोल उत्सर्जन के मुकाबले आधा होता है और इलेक्ट्रिक वाहन स्तरों के करीब होता है। इसमें इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों से जुड़ी सुरक्षा, रेंज, चार्जिंग और बैटरी से जुड़ी चिंताएं भी नहीं होती हैं।