आईफोन बनाने वाली कंपनी ऐपल इंक व्यापक विस्तार योजना के तहत साल के अंत तक अपने उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री शुरू करने की तैयारी में है। इस समय तक भारत में ठेके पर आईफोन असेंबल करने वाला चौथा संयंत्र भी तैयार हो जाएगा। यह संयंत्र तमिलनाडु के होसुर में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स बना रह है। यह आईफोन बनाने वाला टाटा का दूसरा असेंबली कारखाना होगा। इससे पहले टाटा ने ताइवान की कंपनी विस्ट्रॉन से आईफोन असेंबली कारखाने का अधिग्रहण किया था।
घटनाक्रम के जानकार सूत्रों के अनुसार 250 एकड़ में फैले टाटा के नए संयंत्र में आईफोन बनाने का काम शुरू करने की तैयारियां जोरों पर है। यह संयंत्र कलपुर्जा संयंत्र के समीप ही है जिसे टाटा ने तीन साल पहले ऐपल के लिए लगाया था।
इस इकाई में पहले से ही कुछ आईफोन मॉडल बनाए जा रहे हैं और उनमें से कुछ चीन को निर्यात भी किए जा रहे हैं। नए कारखाने पर टाटा द्वारा करीब 6,000 करोड़ रुपये निवेश किए गए हैं और इतनी ही रकम कलपुर्जा इकाई पर भी निवेश किया गया है। इससे ऐपल को कलपुर्जों की आपूर्ति की जाती है।
सूत्रों के अनुसार एकीकृत कारखाने में 50,000 से ज्यादा कर्मचारी रखे जाएंगे, जिनमें ज्यादातर महिलाएं होंगी। इस बारेमें जानकारी के लिए ऐपल इंक और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स को ईमेल भेजे गए, मगर खबर लिखे जाने तक जवाब नहीं आया।
आईफोन असेंबली कारखाने के लिए भर्ती में तेजी लाई जा रही है। भारत में ऐपल के सबसे बड़े आईफोन कारखाने में 35,000 से 40,000 अतिरिक्त कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी। फॉक्सकॉन की आईफोन फैक्टरी के बाद इस कारखाने में ऐपल के उत्पाद बनाने के लिए सबसे ज्यादा कर्मचारी होंगे। सूत्रों के अनुसार बड़ी मांग को पूरा करने के लिए इस नए कारखाने के लिए उपकरण और उत्पादन लाइनों का परीक्षण किया जा रहा है।
ऐपल ने चार साल पहले ही भारत में उत्पादन शुरू किया है और अब उसे चौथे कारखाने की जरूरत है क्योंकि वित्त वर्ष 2026 तक कुल वैश्विक आईफोन उत्पादन का 10 फीसदी भारत लाने की योजना में बदलाव हुआ है। ऐपल के लिए तीन कंपनियां ठेके पर आईफोन बनाती हैं और ये तीनों केंद्र की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना की पात्र हैं। इन कंपनियों में फॉक्सकॉन होन हाई, विस्ट्रॉन (अब टाटा की इकाई) और पेगाट्रॉन शामिल हैं।
ऐपल ने अब अपनी पीएलआई प्रतिबद्धता से ज्यादा उत्पादन करने की योजना बनाई है। वित्त वर्ष 2026 तक कंपनी ने अपने वैश्विक आईफोन उत्पादन का 20 से 25 फीसदी भारत में बनाने का लक्ष्य रखा है। उत्पादन बढ़ाने की योजना का सीधा मतलब है कि ऐपल को ज्यादा उत्पादन क्षमता और कारखाने की जरूरत होगी। अभी ऐपल के तीनों आपूर्तिकर्ता पीएलआई लक्ष्य से ज्यादा उत्पादन कर रहे हैं।
वित्त वर्ष 2024 तक कुल आईफोन का उत्पादन 1.9 लाख करोड़ रुपये रहा जो पीएलआई के लक्ष्य 1.3 लाख करोड़ रुपये से काफी ज्यादा है। इसी तरह वित्त वर्ष 2024 में ऐपल का कुल निर्यात 1.4 लाख करोड़ रुपये का रहा जबकि लक्ष्य 0.95 लाख करोड़ रुपये का था। घरेलू बिक्री भी प्रारंभिक अनुमान से ज्यादा करीब 67,000 करोड़ रुपये रही।
टाटा और ऐपल की साझेदारी कुछ साल पहले शुरू हुई जब उसने आईफोन के कलपुर्जे बनाने की शुरुआत की। इसके बाद दो साल पहले टाटा ने विस्ट्रॉन की कर्नाटक स्थित इकाई को खरीदने की प्रक्रिया शुरू की। अब यह अधिग्रहण पूरा हो चुका है। खबर यह भी है कि टाटा पेगाट्रॉन के भारतीय कारखाने को भी खरीद सकती है मगर इसकी पुष्टि नहीं हुई है।