ग्राहक आज ज्यादा फीचर वाली कारों की मांग कर रहे हैं और वाहन उद्योग की सबसे बड़ी चुनौती भारत में किफायती दर पर नए जमाने की प्रौद्योगिकी तैयार करने की है। मारुति सुजूकी इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी हिसाशी ताकेउची ने सोमवार को यह बात कही।
नए उत्सर्जन नियमों और उन्नत तकनीक के साथ अधिक बड़ी और आरामदायक कारों की मांग बढ़ने से भारत में कार की औसत कीमत पिछले पांच से छह वर्षों में काफी तेजी से बढ़ी हैं। यही कारण है हैचबैक और सेडान जैसी छोटी गाड़ियों की मांग में गिरावट आई है, लेकिन एसयूवी की मांग बढ़ रही है।
वाहन कलपुर्जा विनिर्माता संघ (एसीएमए) के 64वें सालाना सत्र में ताकेउची ने कहा, ‘आराम, सुविधा, सुरक्षा और बदलते नियमों के पालना की बढ़ती मांग के कारण वाहन उद्योग बदलाव के दौर से गुजर रहा है। आज ग्राहक अधिक फीचर वाले, प्रौद्योगिकी आधारित अनुभवों की मांग कर रहे हैं।’
उन्होंने कहा, ‘इन बदलावों के कारण ही हमारे वाहनों के भीतर इलेक्ट्रॉनिक्स की पैठ में लगातार उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है। हमारी सबसे बड़ी चुनौती कम कीमत पर नए जमाने की प्रौद्योगिकी को भारतीय बाजार के लिए विकसित करना और फिर उसे पेश करने की है। मुख्य बात नवाचार में निहित है और लागत से समझौता किए बिना उन्नत सुविधाओं को जोड़ने के तरीके खोजने होंगे।’
उन्होंने कहा कि वाहन उद्योग को अनुसंधान और विकास में निवेश करना चाहिए, स्थानीय बाजार के तौर तरीके की अपनी समझ का फायदा उठाना चाहिए और इस संतुलन को हासिल करने के लिए मूल्य श्रृंखला में सहयोग करना चाहिए।