बाटा इंडिया (Bata India) अपने स्टाइल का स्तर बढ़ाने जा रही है। वह खुद को न केवल ‘पैसा वसूल’ वाले ब्रांड के रूप में स्थापित कर रही, जो पहले से ही इसका ट्रेडमार्क है, बल्कि स्टाइल और फैशन का भी प्रतीक बनने की कोशिश कर रही है।
इसकी नई रणनीति के केंद्र में वैश्विक प्रीमियम फुटवियर ब्रांड नाइन वेस्ट के साथ इसका हालिया लाइसेंस समझौता है। इसके तहत बाटा भारत में निर्माण करेगी और देश में बाटा स्टोर, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और स्टैंडअलोन स्टोर के जरिये अपने जूते तथा और सहायक वस्तु (हैंडबैग) बेचेगी।
बाटा मोल्डेड फुटवियर बाजार में हिस्सेदारी हासिल करने के लिए अपनी फ्लोट्ज उत्पाद लाइन पर भी जोर दे रही है, लेकिन क्रॉक्स और बीरकेनस्टॉक की तुलना में कम दामों पर, जिसने अपने एथीलीन-विनाइल एसीटेट (ईवीए) आधारित फुटवियर से वैश्विक बाजार में हलचल मचा दी है।
यह अगले साल से अपने ‘पावर’ ब्रांड के जरिये अपना पोर्टफोलियो मजबूत करके स्नीकर बाजार में एडिडास, नाइकी और स्केचर्स जैसे ब्रांडों को चुनौती देने की भी योजना बना रही है।
बाटा इंडिया के मुख्य कार्य अधिकारी गुंजन शाह ने कहा कि हमारी नई रणनीति स्टाइल और फैशन उत्पादों को लाना और उपभोक्ताओं को अपग्रेड करने में मदद करना है, जबकि हम आराम और विश्वसनीयता के महत्त्व की पेशकश बरकरार रख रहे हैं। यह वे प्रमुख चीजें हैं, जिनके लिए उपभोक्ता हमसे उम्मीद करते हैं।
कंपनी अपने 1,800 स्टोरों में से कई का नवीनीकरण भी कर रही है, जिनमें 500 फ्रेंचाइजी स्टोर भी शामिल हैं। ये अधिकांश रूप से मध्य और छोटे शहरों में मौजूद हैं।
नाइन वेस्ट फुटवियर (शुरुआत में महिलाओं के लिए) को जल्द ही महानगरों के बाटा स्टोरों में 6,000 रुपये की शुरुआती कीमत पर पेश करने की योजना है।
शाह ने कहा कि हर श्रेणी में प्रतिस्पर्धा है। लेकिन प्रीमियम वैश्विक ब्रांड ज्यादातर भारत में आयात किए जाते हैं, इसलिए हम जो पेशकश करेंगे, उसकी तुलना में वे कम से कम 1.5 गुना अधिक महंगे होंगे। हमें यह फायदा है कि हम इनका निर्माण भारत में भी करेंगे और निर्यात भी कर सकते हैं।
उनका कहना है कि मोल्डेड फुटवियर बाजार पहले से ही सालाना 5,000 करोड़ रुपये से अधिक के राजस्व के साथ तेजी से बढ़ रहा है। कुल फुटवियर बाजार का यह आठ प्रतिशत भाग है। लेकिन इसका 80 प्रतिशत हिस्सा 700 से 800 रुपये और उससे नीचे वाले दायरे का है।