बेंगलूरु में सोमवार को वाहनों की हड़ताल का सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियों पर आंशिक असर पड़ा। कई कंपनियां अभी भी काम करने के हाइब्रिड मोड का पालन कर रही हैं जो कर्मचारियों को सप्ताह में एक या दो बार घर से काम करने की सुविधा देता है।
एक अग्रणी आईटी कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ‘ हम अभी भी काम के हाइब्रिड तरीके का पालन कर रहे हैं और अधिकतर कर्मचारी घर से काम कर रहे हं। इसलिए, वाहनों की हड़ताल का कामकाज पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है, हालांकि कार्यालय में लोगों की संख्या कम रही।’ इन्फोसिस और विप्रो जैसी बड़ी आईटी कंपनियों को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला।
आउटर रिंग रोड कंपनीज एसोसिएशन (ओआरआरसीए) के महासचिव रमेश वीटी ने कहा, ‘कंपनियों ने अपनी आवश्यकताओं के आधार पर रुख अपनाया है। जबकि कुछ कंपनियों के कर्मचारियों ने घर से काम करने का फैसला किया है, कुछ महत्त्वपूर्ण भूमिका वाले कर्मचारी कार्यालय आए हैं, लेकिन विशेष रूप से आने और जाने वालों को असुविधा हुई है। कुल मिलाकर अधिकांश तकनीकी कंपनियों में उपस्थिति कम रही है।’
आउटर रिंग रोड बेंगलूरु का एक प्रमुख आईटी केंद्र है। यहां सेसना बिजनेस पार्क, एम्बेसी टेक विलेज, मान्यता एम्बेसी टेक पार्क, आरएमजेड ईकोवर्ल्ड और प्रेस्टीज टेक पार्क जैसे बिजनेस पार्क हैं। यहां एक्सेंचर, डेल ईएमसी, सिस्को, इंटेल, फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों के दफ्तर हैं।
फेडरेशन ऑफ कर्नाटक स्टेट प्राइवेट ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने राज्य सरकार की शक्ति योजना के खिलाफ 11 सितंबर को बेंगलूरु में ‘बंद’ का आह्वान किया था। शक्ति योजना के तहत गैर-प्रीमियम सरकारी बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा की सुविधा दी जाती है। फेडरेशन की शिकायत है कि कांग्रेस सरकार द्वारा शक्ति योजना शुरू करने के बाद निजी ट्रांसपोर्टरों को अपने राजस्व का 40 फीसदी से अधिक का नुकसान हुआ है।
सोमवार को बेंगलूरु की सड़कों पर करीब नौ लाख निजी वाणिज्यिक वाहन दूर रहे। इनमें ऑटो रिक्शा, वाणिज्यिक वाहन, एयरपोर्ट टैक्सी, मैक्सी कैब और बसें शामिल हैं।
इस बीच, सरकार ने कहा कि उसने विशेष रूप से स्कूल जाने वाले बच्चों, कार्यालय जाने वाले लोगों और अस्पतालों में जाने वाले मरीजों की सुविधा के लिए 500 अतिरिक्त बीएमटीसी बसों की व्यवस्था की।