जेनरेटिव आर्टिफिशल इंटेलीजेंस या जेनएआई से अगले 2-5 साल के अंदर व्यापक व्यावसायिक लाभ पैदा होने का अनुमान है और इसे ‘गार्टनर हाइप साइकल फॉर इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज, 2023’ पर ‘पीक ऑफ इनफ्लेटेड एक्सपेक्टेशंस’ में शामिल किया गया है। जेनएआई तेजी से उभरते एआई के व्यापक थीम में शामिल है।
गार्टनर में विश्लेषक अरुण चंद्रशेखरन ने कहा, ‘कई नई एआई तकनीकों की लोकप्रियता का व्यवसाय और समाज पर सकारात्मक असर पड़ेगा। एआई फाउंडेशन मॉडलों का व्यापक स्तर पर पूर्व प्रशिक्षण और पैमाना, एजेंटों पर जोर देना और जेनरेटिव एआई एप्लीकेशनों का प्रसार कर्मियों की उत्पादकता और मशीन आधारित रचनात्मकता की नई शुरुआत को बढ़ावा दे रहा है।’
गार्टनर में वीपी एनालिस्ट मेलिसा डेविस ने कहा, ‘जहां सभी का ध्यान अब एआई पर है, वहीं सीआईओ और सीटीओ को नई संभावनाओं के साथ अन्य उभरती तकनीकों पर भी ध्यान देना चाहिए। ऐसी तकनीकों पर जोर दिया जाना चाहिए जो डेवलपर का अनुभव खास बनाएं, परवेसिव क्लाउड क्लाउड के जरिये नवाचार को बढ़ावा दें और मानव-केंद्रित सुरक्षा एवं निजता प्रदान करें।’
डेविस ने कहा, ‘चूंकि इस हाइप साइकल में प्रौद्योगिकियां अभी भी शुरुआती अवस्था में हैं, इसलिए इसे लेकर अनिश्चितता है कि इनका विकास कैसे होगा। ऐसी अपरिपक्व प्रौद्योगिकियां विकास की राह में जोखिम पैदा करती हैं, लेकिन शुरुआत में चयन करने वालों को लाभ मुहैया कराती हैं।’ उभरते टेक्नोलॉजी ट्रेंड के चार थीम हैं- इमरजेंट एआई, डेवलपर एक्सपीरिएंस, परवेसिव क्लाउड और ह्यूमेन-सेंट्रिक सिक्युरिटी एंड प्राइवेसी।
इमरजेंट एआई में एआई सिम्युलेशन, कैजुअल एआई, फेडरेटेड मशीन लर्निंग, ग्राफ डेटा साइंस, न्यूरो-सिंबोलिक एआई और रीनफोर्समेंट लर्निंग शामिल हैं। वहीं डेवलपर एक्सपीरिएंस (डेवएक्स) डेवलपरों और टूल्स, प्लेटफॉर्मों, प्रक्रियाओं और लोगों के बीच उन संवाद के सभी पहलुओं से जुड़ी हुई है जो सॉफ्टवेयर उत्पाद एवं सेवाएं तैयार करने एवं उपलब्ध कराने के लिए किए जाते हैं।
वहीं क्लाउड कम्प्यूटिंग अगले 10 साल के दौरान व्यावसाय में नवाचार लाने के लिए एक जरूरी वाहक के तौर पर योगदान देने में सफल प्रौद्योगिकी साबित होगी। क्लाउड निवेश से ज्यादा अवसर हासिल करने के लिए स्वचालित परिचालन दायरा बढ़ाने, क्लाउड अनुकूल प्लेटफॉर्म माध्यमों तक पहुंच बनाने और पर्याप्त प्रशासनिक ढांचे की जरूरत होगी। बीएस