बीएसई ने बैंकेक्स (BSE Bankex) डेरिवेटिव अनुबंध की एक्सपायरी 16 अक्टूबर से शुक्रवार के बजाय सोमवार को करने का फैसला लिया है। एक्सचेंज ने बुधवार को यह जानकारी दी।
बीएसई ने बाजार से मिले फीडबैक का हवाला देते हुए कहा, एसऐंडपी बीएसई बैंकेक्स की सोमवार को होने वाली एक्सपायरी के अनुबंध 13 अक्टूबर को सृजित होंगे और 16 अक्टूबर को ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध होंगे।
सेंसेक्स डेरिवेटिव अनुबंधों की एक्सपायरी शुक्रवार को होती रहेगी। एक्सचेंज ने दोबारा पेश सेंसेक्स व बैंकेक्स एफऐंडओ अनुबंधों की एक्सपायरी का विकल्प शुक्रवार को चुना था ताकि बाजार की अगुआ एनएसई से एक्सपायरी का दिन अलग हो। 25 अगस्त को हुई एक्सपायरी वाले बैंकेक्स की ट्रेडेड वैल्यू 4 करोड़ रुपये रही, जो एक हफ्ते पहले 1.7 करोड़ रुपये रही थी।
वॉल्यूम में इजाफा करने के लिए बदलाव
पिछले दो महीने में एनएसई व बीएसई अपनी लोकप्रिय डेरिवेटिव योजनाओं के लिए एक्सपायरी का दिन अलग-अलग कर रही है ताकि वॉल्यूम में इजाफा हो सके। चूंकि ट्रेडर एक्सपायरी के दिन ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं, ऐसे में इस कदम से वॉल्यूम में इजाफा होने की संभावना है।
एक्सचेजों ने पहले कहा था कि संतुलित मार्केट डेवलपमेंट और संकेंद्रण का जोखिम टालने के लिए वह ऐसे कदम उठा रहा है। एनएसई का निफ्टी-50 गुरुवार को एक्सपायर होता है, वहीं बैंक निफ्टी की एक्सपायरी 6 सितंबर से बुधवार को होगी, जो अभी गुरुवार को होती है।
इस बीच, निफ्टी फाइनैंशियल सविसेज के अनुबंध मंगलवार को एक्सपायर होते हैं। एनएसई ने पहले बैंक निफ्टी की एक्सपायरी बीएसई बैंकेक्स की मौजूदा समयसारणी के मुताबिक शुक्रवार को करने का फैसला लिया था, लेकिन बाद में इस कदम को वापस ले लिया।
बाजार के विस्तार के चलते मिली बीएसई को कामयाबी
जुलाई में एनएसई के एफऐंडओ का रोजाना औसत कारोबार 303 लाख करोड़ रुपये रहा और इसमें मासिक आधार पर 17 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई। बीएसई डेरिवेटिव का रोजाना औसत कारोबार 4.4 लाख करोड़ रुपये रहा, जो इससे एक महीने पहले के मुकाबले 4.4 गुना ज्यादा है।
बाजार पर नजर रखने वालों का कहना है कि डेरिवेटिव में बीएसई को कामयाबी बाजार के विस्तार के चलते मिली है, न कि एनएसई की बाजार हिस्सेदारी में सेंध लगाकर।