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ईआरऐंडडी सॉफ्टवेयर फर्मों में होगा सुधार, प्रदर्शन मजबूत बनाए रखने मिलेगी मदद

मजबूत विकास परिदृश्य से संपूर्ण सॉफ्टवेयर सेवा क्षेत्र के मुकाबले इसे अपना प्रदर्शन मजबूत बनाए रखने में मदद मिलेगी

Last Updated- October 22, 2023 | 10:47 PM IST
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इंजीनियरिंग शोध एवं विकास (ER&D) सेगमेंट से जुड़ी सॉफ्टवेयर कंपनियों का जुलाई-सितंबर तिमाही परिणाम काफी हद तक अनुमानों के अनुरूप रहा है, भले ही इनके राजस्व वृद्धि अनुमानों में कटौती की गई है।

जहां राजस्व मिश्रित रहा है और अल्पावधि परिदृश्य पर सतर्क नजरिया अपनाया जा रहा है, वहीं ब्रोकरों और वैश्विक कंसल्टिंग फर्मों ने इस क्षेत्र के लिए मजबूत विकास संभावनाओं पर जोर दिया है। उन्हें अनुमान है कि सॉफ्टवेयर क्षेत्र का यह सेगमेंट भविष्य में 8-12 प्रतिशत तक बढ़ेगा।

इस महीने के शुरू में जारी रिपोर्ट ‘सीजिंग द ईआरऐंडडी एडवांटेज: फ्रंटियर्स फॉर 2030’ में वैश्विक प्रबंधन कंसल्टेंसी बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप और नैशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर ऐंड सर्विस कंपनीज ने अनुमान जताया कि ईआरऐंडडी सेगमेंट में वैश्विक खर्च 2023-2030 की अवधि के दौरान सालाना 8-9 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा।

उनका मानना है कि भारत की भागीदारी इस अवधि में मौजूदा 17 प्रतिशत से सुधरकर 22 प्रतिशत हो जाएगी, जबकि देश की राजस्व भागीदारी 2023 के मौजूदा 45 अर डॉलर से तीन गुना बढ़कर 2030 तक 150 अरब डॉलर हो जाएगी।

उनका मानना है कि सॉफ्टवेयर, वाहन और सेमीकंडक्टर क्षेत्रों का 2029-30 तक भारत की ईआरऐंडडी खरीदारी में 60 प्रतिशत से ज्यादा योगदान रहेगा।

मजबूत विकास परिदृश्य से इस सेगमेंट को संपूर्ण सॉफ्टवेयर सेवा क्षेत्र के मुकाबले अपना प्रदर्शन मजबूत बनाए रखने में मदद मिल सकती है।

कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज का अनुमान है कि ईआरऐंडडी सेवा बाजार अगले कुछ वर्षों के दौरान आईटी सेवा बाजार को मात देगा और 10-12 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा। ब्रोकरेज के विश्लेषक कंवलजीत सलूजा का मानना है कि इसे डिजिटल इंजीनियरिंग खर्च, बाहरी खरीदारी पर ज्यादा निर्भरता (निजी केंद्र या बाहरी सेवा प्रदाताओं के साथ) से मदद मिलेगी।

जहां मध्यावधि में, इस क्षेत्र में एलऐंडटी टेक्नोलॉजी सर्विसेज (एलटीटीएस), साइंट, केपीआईटी टेक्नोलॉजीज, पर्सिस्टेंट सिस्टम्स और टाटा एलक्सी जैसी सूचीबद्ध कंपनियों को मजबूत वृद्धि दर का लाभ मिल सकता है, वहीं अल्पावधि में मुख्य जोर दूसरी तिमाही के नतीजों के बाद बदलते परिदृश्य और खासकर मूल्यांकन पर रहेगा, जो महंगे दायरे में दिख रहा है।

दूसरी तिमाही के नतीजे के मोर्चे पर, इस क्षेत्र की सबसे बड़ी भारतीय कंपनी एलटीटीएस के लिए 3.2 प्रतिशत वृद्धि के साथ मजबूत तिमाही रही, क्योंकि उसे परिवहन एवं प्लांट इंजीनियरिंग में 3.8-4.4 प्रतिशत वृद्धि से मदद मिली। जहां सौदे हासिल करने की रफ्तार मजबूत रही, वहीं कंपनी ने वित्त वर्ष 2024 के लिए अपना वृद्धि अनुमान (स्थिर मुद्रा के संदर्भ में) 20 प्रतिशत से घटाकर 17.5-18.5 प्रतिशत कर दिया है।

आईआईएफएल रिसर्च ने मूल्यांकन को ध्यान में रखते हुए इस शेयर के लिए ‘जोड़ें’ रेटिंग बरकरार रखी है और यह अपने वित्त वर्ष 2025 के पीई अनुपात के 33 गुना पर कारोबार कर रहा है। यह मिडकैप आईटी प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले 20 प्रतिशत ज्यादा और 15 प्रतिशत के उसके ऐतिहासिक औसत से ऊपर है।

पर्सिस्टेंट सिस्टम्स के लिए सितंबर तिमाही का परिणाम अनुमानों से बेहतर रहा और कंपनी ने तिमाही आधार पर 3.2 प्रतिशत की राजस्व वृद्धि दर्ज की। 48 करोड़ डॉलर की कुल अनुबंध वैल्यू के साथ सौदों की बुकिंग शानदार रही।

जहां मार्जिन तिमाही आधार पर 122 आधार अंक घटकर 13.7 प्रतिशत हर गया, वहीं कंपनी ज्यादा फ्रेशरों को नियुक्त कर और उपयोगिता तथा दक्षता में सुधार लाकर अगले दो-तीन साल के दौरान इसमें 200-300 आधार अंक तक का इजाफा करने की उम्मीद कर रही है।

बीएनपी पारिबा रिसर्च ने वित्त वर्ष 2025/2026 में 26-35 प्रतिशत की मजबूत आय वृद्धि की संभावना का ध्यान में रखते हुए इस शेयर के लिए ‘खरीदें’ रेटिंग बरकरार रखी है।

टाटा एलेक्सी का दूसरी तिमाही में प्रदर्शन राजस्व और मार्जिन, दोनों संदर्भ में अनुमान से बेहतर रहा। तिमाही आधारपर 3.4 प्रतिशत की राजस्व वृद्धि को सॉफ्टवेयर-केंद्रित वाहनों में सौदों से मदद मिली।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने इस शेयर को ‘बेचें’ रेटिंग दी है और उसका कहना है कि पिछले पांच साल में कंपनी के ग्राहक संकेंद्रण (शीर्ष-10 ग्राहक) पर प्रभाव पड़ा है और इससे विक्रेता/ऑर्डर प्रवाह दबाव का संकेत मिलता है।

दूसरी तरफ, इलारा सिक्योरिटीज ने खरीदें रेटिंग दी है। दूसरी तिमाही के प्रदर्शन से कंपनी के मजबूत ग्राहक संबंध और शानदार मार्जिन प्रबंधन का संकेत मिला है। सायंट के लिए दूसरी तिमाही में सेवा राजस्व वृद्धि 1 प्रतिशत रही जो ब्रोकरेज के अनुमान की तुलना में कम है।

कनेक्टिविटी वर्टिकल की वजह से कंपनी की राजस्व वृद्धि प्रभावित हुई। कम्युनिकेशन वर्टिकल पर दबाव बना हुआ है, क्योंकि उद्यमों ने 5जी निवेश के लिए अपने बजट में बदलाव किया है।

मोतीलाल ओसवाल रिसर्च का कहना है कि साइंट का सेवा सेगमेंट तेजी से बढ़ रहा है और उसके कई विकास इंजनों की रफ्तार मजबूत हुई है। इसके विपरीत, अन्य सेगमेंट सुधार की राह पर हैं और वित्त वर्ष 2024 में कंपनी की संपूर्ण वृद्धि में उनका योगदान बढ़ सकता है। ब्रोकर ने इस शेयर को खरीदें रेटिंग दी है।

First Published - October 22, 2023 | 10:47 PM IST

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