प्रतिभूति अपील पंचाट (SAT) ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा आईआईएफएल सिक्योरिटीज (IIFL Securities) को दो साल तक ग्राहक जोड़ने से प्रतिबंधित करने के आदेश को गुरुवार को खारिज कर दिया। पंचाट ने शेयर ब्रोकर पर लगाए गए जुर्माने को भी 1 करोड़ रुपये से घटाकर 20 लाख रुपये कर दिया है।
बाजार नियामक ने आरोप लगाया था कि आईआईएफएल सिक्योरिटीज ग्राहक कोष को अलग बनाए रखने में विफल रही और उसने इस पैसे को अपने स्वयं की पूंजी के साथ शामिल कर गलत इस्तेमाल किया। सेबी का आरोप था कि आईआईएफएल सिक्योरिटीज ने पूल अकाउंट्स का इस्तेमाल किया।
सेबी ने अप्रैल 2011 से जनवरी 2017 के बीच करीब एक दर्जन जांच कराई थीं। आदेश में कहा गया है, ‘हमारी नजर में, डब्ल्यूटीएम (पूर्णकालिक सदस्य) द्वारा अपनाया गया दृष्टिकोण गलत है। 1993 के परिपत्र में अपीलकर्ता को अलग-अलग खाते, यानी ग्राहक खाते और अपना खाता अलग-अलग रखने की आवश्यकता थी, जो अपीलकर्ता ने किया था।’
पंचाट ने कहा कि 1993 के सर्कुलर में कोई पूल अकाउंट बनाने से नहीं रोका गया था। आदेश में कहा गया, ‘पूल अकाउंट सुविधा के लिए बनाया गया था और इससे ऐसा निष्कर्ष को बढ़ावा नहीं मिला कि ग्राहक के पैसे को ब्रोकर के कोष के साथ मिलाकर गलत लाभ उठाया जाए।’ पंचाट ने कहा कि कथित प्रक्रिया वर्ष 2024 में बंद कर दी गई थी।