केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (Mansukh Mandaviya) ने सोमवार को कहा कि अभी हमारा ध्येय आयुष्मान भारत स्वास्थ्य व कल्याण केंद्रों (एबी-एचडब्ल्यूसी) के जरिये प्राथमिक स्वास्थ्य पर केंद्रित है। इससे भारत स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार कर रहे देशों के लिए मॉडल बनकर उभरेगा।
मांडविया ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की क्षेत्रीय समिति के दक्षिण एशिया क्षेत्र (डब्ल्यूएचओ – एसईएआरओ) के 76वें सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत समग्र और समावेशी दृष्टिकोण को अपना रहा हैं। सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज दृष्टि के अनुरूप किसी को भी पीछे न छोड़ने की दृढ़ प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
मंत्री ने बताया, ‘एबी-एचडब्ल्यूसी में 24 अक्टूबर, 2023 तक 210 करोड़ लोग आए। इसका प्रभाव यह हुआ कि 180.3 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त दवाएं दी गईं और 87.3 करोड़ लोगों को नैदानिक सेवाएं मुहैया करवाई गईं।’
मंत्री ने बताया कि 2.6 करोड़ कल्याण सत्र आयोजित किए गए और एचडब्ल्यूसी में 30.6 करोड़ से अधिक लोग शामिल हुए।
मांडविया ने स्वास्थ्य क्षेत्र में सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन और पीएम-एबीएचआईएम से डिजिटल स्वास्थ्य की रूपरेखा और आधारभूत ढांचा मजबूत हुआ है। इससे तेजी से स्वास्थ्य सुविधाएं को विकसित करने में मदद मिली है।
इसके स्वास्थ्य क्षेत्र में सकारात्मक परिणाम आए हैं और लोगों की जेब पर पड़ने वाले खर्च में भी कमी आई है। मंत्री ने कहा कि भारत ने दिल्ली में डब्ल्यूएचओ एसईएआरओ की इमारत के लिए 239.5 करोड़ रुपये आबंटित किए हैं।