ऐपल इंक (Apple Inc) भारत में बनने वाले आईफोन (iPhone) के मूल्य वर्धन के लिए रणनीति बना रही है। मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि कंपनी मोबाइल डिस्प्ले, कैमरा और एनक्लोजर (मैकेनिकल पार्ट्स) जैसे तीन पुर्जों के लिए आपूर्तिकर्ता चाहती है। अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो इन तीन पुर्जों से आईफोन में कुल मिलाकर 30 से 35 फीसदी का अतिरिक्त मूल्यवर्धन होगा।
जानकार सूत्रों के मुताबिक, दुनिया के सबसे बड़ी इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण सेवा कंपनी (ईएमएस) और देश में ठेके पर आईफोन बनाने वाली कंपनियों में से एक फॉक्सकॉन ने ओएलईडी डिस्पले संयंत्र स्थापित करने में रुचि दिखाई है।
हालांकि, इसकी भी कोई गारंटी नहीं है कि ऐपल इंक के साथ यह सौदा पूरा होगा। ऐपल इंक के प्रवक्ता ने इस संबंध में किसी भी योजना या बातचीत पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। भारत में फॉक्सकॉन के एक प्रतिनिधि ने भी सवालों का जवाब नहीं दिया।
इसके अलावा सूत्रों ने बताया कि कैमरा असेंबली के लिए एक घरेलू कंपनी को शामिल करने की योजना है। शायद इसमें वैश्विक कंपनियां प्रौद्योगिकी के लिए सहयोगी कर सकती है। दक्षिण कोरियाई, जापानी और ताइवानी कंपनियों को इस मकसद में शामिल करने का कोई औचित्य नहीं है। 3-4 संभावित कंपनियों से इसके लिए बातचीत चल रही है।
इससे पहले ऐपल ने चीनी कंपनी सनी ओपोटेक को शामिल किया था। यह ऐपल की वैश्विक वेंडर है और इसने आंध्र प्रदेश के तिरुपति में मोबाइल फोन कैमरा विनिर्माण संयंत्र बनाने के लिए 30 करोड़ डॉलर के निवेश की घोषणा की थी।
सूत्रों ने बताया कि भारत और चीन के बीच भू-राजनीतिक तनाव और चीनी कंपनियों से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर प्रतिबंध के कारण, उस परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। एन्क्लोजर के लिए ऐपल इंक ने टाटा के साथ करार किया है, जिसने हाल ही में इनमें से कुछ उत्पादों को चीन में निर्यात करना शुरू किया है।