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सवाल-जवाब: ‘नवीकरणीय ऊर्जा के लिए सभी तरह का कर्ज देंगे’

चेयरमैन व प्रबंध निदेशक विवेक देवांगन ने गुरुग्राम के नए कार्यालय में हरित योजना के वित्तपोषण को लेकर बात की।

Last Updated- September 21, 2023 | 11:15 PM IST

रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉपोरेशन (REC) अपनी पहचान इससे अलग भी स्थापित कर रहा है। यह हालिया परियोजनाओं को जारी रखने के साथ अपने पोर्टफोलियो में व्यापक बदलाव कर रहा है। इसके तहत आरईसी हरित ऊर्जा परियोजनाओं, आधारभूत संरचना और वैश्विक जलवायु कोष के लिए धन जुटाएगा।

यह गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए कर्ज की लागत घटाने के लिए कई तरीके अपना रही है। इसके चेयरमैन व प्रबंध निदेशक विवेक देवांगन ने गुरुग्राम के नए कार्यालय में हरित योजना के वित्तपोषण को लेकर बात की। प्रमुख अंश:

-हाल ही में आरईसी ने नवीकरणीय ऊर्जा के डवलपरों के साथ 2.8 लाख करोड़ रुपये के समझौता पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे। इस बारे में क्या कंपनी की महत्ताकांक्षी योजना है ?

नवीकरणीय ऊर्जा प्राधिकरण को 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा विकसित करने के लिए 2030 तक 15 से 20 लाख करोड़ रुपये के कुल अनुमानित ऋण की जरूरत है। हमारा पारंपरिक अनुमान था कि हम मार्केट के केवल 20 फीसदी हिस्से को लक्षित करेंगे। हमने जी 20 के इतर प्रोजेक्ट डवलपरों, टेक्नॉलजी प्रोवाइडर्स और इलेक्ट्रिक बस के कलपुर्जे निर्माताओं से बातचीत की थी और 2.86 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं को चिह्नित किया था। इन योजनाओं को अगले तीन चार वर्षों में मंजूरी मिल सकती है। इन समझौता पत्रों में परियोजनाओं को भी चिह्नित किया गया है। यह खाली चेक नहीं है।

हमने इन परियोजनाओं के लिए धन आबंटित करना शुरू कर दिया है। लक्ष्य यह है कि हम अपना नवीकरणीय ऊर्जा का पोर्टफोलियो 2030 तक दस गुणा बढ़ाकर तीन लाख करोड़ रुपये करें। नवीकरणीय ऊर्जा के लिए स्थितियां तेजी से बदल रही हैं। इससे हमें निजी क्षेत्र को उधारी दिए जाने वाला हिस्सा बढ़ाने में मदद मिलेगी।

निजी क्षेत्र में ही ज्यादातर नवीकरणीय ऊर्जा की परियोजनाएं हैं। हम निजी उधारी को 2030 तक 30-35 प्रतिशत बढ़ाना चाहते हैं। इस घोषणा के बाद हम इस वित्तीय वर्ष (2023-24) में दो लाख करोड़ रुपये की मंजूरियां दे चुके हैं। ऐसा लगता है कि हम अपने अनुमानित लक्ष्य से अधिक हासिल कर लेंगे और तीन से चार लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य को हासिल कर लेंगे।

-नवीकरणीय ऊर्जा के लिए उधारी देना चुनौतीपूर्ण है और इसमें कई उधारी देने वाले हैं। ऐसे में आरईसी कैसे अन्य से अलग रहने की योजना बना रही है?

नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए हम एक ही स्थान पर सभी तरह के कर्ज मुहैया करवाना चाहते हैं। हम इकाई का अपने अनुरूप आंकने के बाद 16,000-17,000 करोड़ रुपये एक बार में ही मुहैया करवा सकते हैं। प्रोजेक्ट डवलपर के लिए यह कहीं अधिक आसान होगा कि वह कई बैंकों के पास जाने की जगह हमारे पास आए। इतना अधिक उधारी कोई बैंक नहीं देगा।

इसके अलावा उधारी वापस करने की अवधि 15 से 20 साल है और उधारी लेने वाले को ब्याज दर पर भी फायदा मिलेगा। नवीकरणीय ऊर्जा की परियोजनाएं जल्दी शुरू होती हैं। प्रोजेक्ट डवलपर परियोजनाएं शुरू करने के बाद अपनी हिस्सेदारी बेच रहे हैं और नए परियोजनाओं में निवेश कर रहे हैं। इन परियोजनाओं को फिर से उधारी देने की कई संभावनाएं हैं और हम इन्हें तलाश रहे हैं।

क्या आपकी उधारी की लागत कम करने की योजना है और कैसे अपने संसाधनों को विस्तार करेंगे?

वैश्विक स्तर पर हरित ऊर्जा के लिए उधारी मुहैया करवाने के लिए कोष है लेकिन इसकी ब्याज दरों में ज्यादा फायदा नहीं है। मुझे आशा है कि जी 20 के विचार विमर्श से कम लागत के विकल्प उपलब्ध होंगे।

हमने विश्व बैंक से गठजोड़ किया है और वह हमारे हरित ऊर्जा व पुनरोत्थान वितरण क्षेत्र की योजना (RDSS) के लिए पहल के लिए मदद कर रहे हैं। वह हमें 50 करोड़ डॉलर का दीर्घावधि सस्ती दर पर मुहैया करवा रहे हैं।

First Published - September 21, 2023 | 11:15 PM IST

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