भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (Nse) को कारोबार की अवधि बढ़ाने की अनुमति देने से पहले संबद्ध से नए सिरे से परामर्श करेगा।
इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि एनएसई को इस संबंध में अंतिम मंजूरी देने से पहले बाजार नियामक जरूरी आवश्यक ढांचे, निगरानी, निपटान और अपरिहार्य जोखिमों की आशंका को दूर करना चाहता है।
एनएसई ने एक विशेष सत्र के लिए डेरिवेटिव बाजार शाम 6 बजे से रात्रि 9 बजे तक खुला रखने के लिए सेबी से अनुमति मांगी है। शुरू में एनएसई इस बढ़ी अवधि में केवल छह सूचकांक डेरिवेटिव में कारोबार की अनुमति देना चाहता है।
मगर कुछ कारोबारी संबंधित शेयरों से मूल्य से जुड़े संकेतों के बिना सूचकांक कारोबार की अनुमति देने पर चिंता जता रहे हैं। इससे पहले एनएसई ने कहा था कि करीब नौ महीनों तक उसने विस्तृत परामर्श किया था और वह ज्यादातर कंपनियों की रजामंदी पाने में भी सफल रहा था।
हालांकि, सेबी का मानना है कि अतिरिक्त अवधि में डेरिवेटिव कारोबार की अनुमति देने से पहले संबंधित पक्षों के साथ व्यापक चर्चा करने जरूरत है।
इस बारे में एक अधिकारी ने कहा, हमें लगता है कि बाजार की अवधि बढ़ाने पर कोई अंतिम निर्णय लेने से पहले हमें और चर्चा करने की जरूरत है। पहले हमें यह देखना होगा कि इसके लिए जरूरी आवश्यक ढांचा मौजूद है या नहीं और सभी संबंधित पक्ष इसे लेकर क्या राय रखते हैं।
एनएसई ने संकेत दिए हैं कि नियामकीय स्तर पर मंजूरी मिल जाने के बाद वह वित्त वर्ष के अंत तक कारोबार की अवधि बढ़ाने की योजना पर अमल शुरू करना चाहती है।
एनएसई ने विदेशी संस्थागत निवेशकों एवं अन्य संबंधित पक्षों को पूरी तरह सहज होने के लिए पर्याप्त समय देने का आश्वासन दिया है मगर परंपरागत ब्रोकरों ने संचालन से जुड़े विषयों जैसे मानव संसाधन, निगरानी, तकनीकी तैयारी और प्रणाली की क्षमता आदि को लेकर चिंता जताई है।