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दमदार बिक्री से दोपहिया कंपनियों के शेयरों ने पकड़ी रफ़्तार

इस महीने के शुरू से सूचीबद्ध दोपहिया कंपनियों ने 12 से 17 प्रतिशत के दायरे में प्रतिफल दिया है जबकि बीएसई ऑटो सूचकांक के लिए यह 7 प्रतिशत और सेंसेक्स के लिए 3 प्रतिशत रहा।

Last Updated- November 26, 2023 | 9:57 PM IST
Two wheelers

वाहन क्षेत्र के लिए धारणा सकारात्मक होने से दोपहिया वाहन निर्माताओं के शेयरों ने अपने 52 सप्ताह के ऊंचे स्तर बनाए हैं। हीरो मोटोकॉर्प, बजाज ऑटो, टीवीएस मोटर कंपनी और आयशर मोटर्स के शेयर त्योहारी सीजन में मजबूत बिक्री की बदौलत अपने सालाना ऊंचे स्तरों पर पहुंच गए हैं।

इस महीने के शुरू से सूचीबद्ध दोपहिया कंपनियों ने 12 से 17 प्रतिशत के दायरे में प्रतिफल दिया है जबकि बीएसई ऑटो सूचकांक के लिए यह 7 प्रतिशत और सेंसेक्स के लिए 3 प्रतिशत रहा।

त्योहारी सीजन से पहले अक्टूबर में दोपहिया डिलिवरी पर प्रतिक्रिया करते हुए शेयरखान रिसर्च का कहना है कि इस सेगमेंट ने अनुमानों को पीछे छोड़ दिया है क्योंकि दोपहिया खंड ने मासिक आधार पर 11.9 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की जबकि बिक्री में 7.2 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान जताया गया था। जहां मांग को लेकर चिंताओं के कारण निर्यात बाजार पर दबाव बना हुआ है, लेकिन वृद्धि काफी हद तक घरेलू बाजार पर केंद्रित है।

बजाज ऑटो ने सालाना आधार पर 24.5 प्रतिशत जबकि हीरो मोटोकॉर्प ने 7.2 प्रश्तिात वृद्धि दर्ज की। टीवीएस मोटर और आयशर ने 8.7 प्रतिशत तथा 7.5 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की।

निर्यात सेगमेंट में बजाज ऑटो को छोड़कर कई कंपनियों ने तिमाही आधार पर गिरावट दर्ज की जिससे कमजोर मांग के माहौल का संकेत मिलता है। सालाना आधार पर बजाज ऑटो ने 7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की जबकि आयशर को इस अवधि में 39 प्रतिशत कमजोरी का सामना करना पड़ा।

वाहन निर्माता और डीलर मौजूदा त्योहारी सीजन के दौरान दो अंक की वृद्धि का संकेत दे रहे हैं और एंट्री-लेवल के वाहनों के लिए भी मांग में सुधार का अनुमान जता रहे हैं। जहां त्योहारी मांग अक्सर ग्रामीण और एंट्री-लेवल की बिक्री बढ़ाती है, लेकिन इस बार यह रुझान बरकरार रहेगा या नहीं, इस पर नजर रखने की जरूरत होगी।

ब्रोकरेज का कहना है कि इस समय कई कंपनियां घरेलू बाजार में महंगे वाहनों के प्रति बढ़ते रुझान का फायदा उठा रही हैं और ग्राहकों की पसंद को ध्यान में रखते हुए अपने वाहन पोर्टफोलियो में इजाफा कर रही हैं।

जहां दोपहिया ने अन्य वाहन सेगमेंटों के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन किया है वहीं कुछ ब्रोकरों ने इन पर सकारात्मक नजरिया अपनाना शुरू किया है।

मोतीलाल ओसवाल रिसर्च के विश्लेषक जिनेश गांधी ने कहा, ‘अन्य श्रेणियों के मुकाबले दोपहिया ने वित्त वर्ष 2023 के दौरान ज्यादा मजबूत प्रदर्शन किया। आगे भी निर्यात बाजार में व्यवस्थित तरीके से सुधार आने की संभावना है।’

ब्रोकरेज ने नए मॉडलों की पेशकश के साथ साथ पिछले वर्ष के न्यून आधार और आपूर्ति में सुधार की मदद से इस सेगमेंट के लिए वित्त वर्ष 2023-26 के दौरान 9 से 11 प्रतिशत की सालाना वृद्धि का अनुमान जताया है।

जेफरीज रिसर्च ने हाल में अपने इंडिया मॉडल पोर्टफोलियो में पिछले सप्ताह मारुति सुजूकी इंडिया की जगह आयशर को शामिल किया। ब्रोकरेज का मानना है कि भारतीय दोपहिया मांग अगले दो साल के दौरान यात्री वाहनों के मुकाबले ज्यादा तेजी से बढ़ेगी।

आयशर का शेयर प्रतिस्पर्धी चिंताओं के कारण इस साल अब तक एनएसई निफ्टी ऑटो इंडेक्स से पीछे रहा है। हालांकि ब्रोकरेज का मानना है कि हार्ली-डेविडसन और ट्रायम्फ पेशकशों से आयशर पर सीमित प्रभाव पड़ेगा। ब्रोकरेज का कहना है कि शेयर की रेटिंग में सुधार की संभावना है, क्योंकि दीर्घावधि बाजार भागीदारी में भरोसा लगातार बढ़ा है।

नोमुरा रिसर्च को भी दोपहिया क्षेत्र का प्रदर्शन चार पहिया के मुकाबले अच्छा रहने का अनुमान है। दोपहिया क्षेत्र को वृद्धि के पुनर्संतुलन, न्यून आधार और चुनाव-पूर्व ग्रामीण खर्च के लिए संभावनाओं से मदद मिलेगी।

कमजोर ग्रामीण मांग परिवेश को देखते हुए हीरो मोटोकॉर्प का शेयर वृद्धि और प्रतिफल के संदर्भ में अपने प्रतिस्पर्धियों से पीछे रहा है।

हालांकि ब्रोकरेज का मानना है कि हीरो मोटोकॉर्प को ऊंची वृद्धि वाले सेगमेंटों (125सीसी से ऊपर) में बाजार भागीदारी बढ़ाने की जरूरत होगी। वृद्धि में तेजी के लिए निवेश पर जोर देने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों, हार्ली और 125 सीसी जैसे नए वाहनों पर जोर देना होगा।

हीरो मोटोकॉर्प इस समय अपने 2024-25 के ईपीएस के 13.6 गुना पर कारोबार कर रहा है जो सस्ता है, लेकिन रेटिंग में बदलाव नए वाहनों की मजबूत सफलता पर निर्भर होगा। हालांकि इसका अब तक अभाव दिख रहा है।

41 प्रतिशत राजस्व के साथ बजाज ऑटो का सूचीबद्ध दोपहिया/तिपहिया क्षेत्र के निर्यात में बड़ा योगदान रहा है। जहां इस क्षेत्र के लिए दोपहिया निर्यात वित्त वर्ष 2024 की पहली छमाही में सालाना आधार पर 20 प्रतिशत घटा वहीं पूरे वर्ष के लिए कुल बिक्री दूसरी छमाही में सुधार की वजह से सपाट रहने का अनुमान है।

मोतीलाल ओसवाल रिसर्च का कहना है कि इसे कुछ देशों में विदेशी मुद्रा की बेहतर उपलब्धता और आपूर्ति समस्याएं दूर होने से मदद मिलेगी। मॉर्गन स्टैनली ने ओवरवेट रेटिंग के साथ निर्यात में धीरे धीरे सुधार आने का अनुमान जताया है।

First Published - November 26, 2023 | 9:57 PM IST

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