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‘हमें स्वास्थ्य में निवेश जारी रखने की जरूरत’

Last Updated- January 31, 2023 | 7:04 AM IST
Mayor of Delhi said, MCD hospital is fully ready, no need to panic

महामारी का जोखिम कम होने के बाद क्या बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र पर आवंटन घटेगा या भविष्य की संभावित महामारियों को ध्यान में रखते हुए समग्र योजना बनाई जाएगी? पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के संस्थापक एवं पूर्व अध्यक्ष और सार्वजनिक स्वास्थ्य नीति के विशेषज्ञ के श्रीनाथ रेड्डी ने सोहिनी दास से कहा कि महामारी ने यह बता दिया है कि पर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल के लिए इस क्षेत्र में निवेश की जरूरत है। प्रमुख अंश…

महामारी के बाद यह पहला बजट होगा। नीतिगत स्तर पर किस तरह के बदलाव की जरूरत है?
हम उम्मीद कर रहे हैं कि स्वास्थ्य क्षेत्र पर ध्यान कम नहीं होगा। महामारी ने दुनिया को बताया है कि अगर हम स्वास्थ्य व्यवस्था में पर्याप्त निवेश नहीं करेंगे तो ऐसी कुशल व्यवस्था नहीं बन पाएगी, जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य के आपातकाल की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया दी जा सके। यह जरूरी है कि स्वास्थ्य में निवेश जारी रखा जाए। हमारी आबादी दुनिया में सबसे ज्यादा है और हमारे पास भौगोलिक अवसर है. हमें स्वास्थ्य और लोगों के कौशल पर निवेश जारी रखने की जरूरत है। हमारे पास कई स्तर के और कई तरह की कुशलता वाले स्वास्थ्यकर्मी हैं। रोजगार सृजन के हिसाब से भी यह बेहतर है। हम जी-20 का आयोजन कर रहे हैं और महामारी के बाद स्वास्थ्य इसका अहम एजेंडा है।

क्या आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं पर सरकार ज्यादा आवंटन करेगी? क्या इन योजनाओं का जमीनी असर होगा?
आयुष्मान भारत को मैं प्रगति पर चल रहे काम के रूप में देखता हूं। इससे एक बेहतरीन ढांचा तैयार हो रहा है, जो प्राथमिक स्वास्थ्य देखभल को द्वितीयक और तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल से जोड़ रही है। अभी भी इस दिशा में तमाम चीजों पर प्रभावी तरीके से काम करने की जरूरत है। ग्रामीण प्राथमिक देखभाल क्षेत्र को मानव संसाधन व वित्तीय दोनों ही स्वरूपों में बेहतर संसाधन की जरूरत है। हमें घर पर स्वास्थ्य देखभाल या घर से निकट देखभाल के विचार को बढ़ावा देना चाहिए।

क्या नई दवाओं, टीके के शोध एवं विकास के लिए बजट में प्रावधान की जरूरत है?
हमें प्रयोगशालाओं की क्षमता सृजित करने और विनिर्माण क्षमता बढ़ाने की जरूरत है। असंचारी बीमारियां भी धीमी आपदा से कम नहीं हैं।

पहले के बजट में व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण का प्रावधान किया गया, जिससे तीसरी व चौथी श्रेणी के शहरों में अस्पतालों में बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जा सके। आपको क्या लगता है कि इस तरीके ने काम किया है?
मुझे नहीं लगता कि यह योजना सफल रही है। जिलों में केवल निजी अस्पतालों में बेड मुहैया कराने की जिम्मेदारी ले, यह सही से काम नहीं कर रहा है।

First Published - January 31, 2023 | 6:36 AM IST

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