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लेखक : ए के भट्टाचार्य

आज का अखबार, लेख

बढ़ती पारदर्शिता और राजकोषीय सूझबूझ: बजट में वह अहम जानकारी जिसकी कर दी गई अनदेखी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गत 23 जुलाई को 2024-25 का बजट पेश किया और संसद ने उसे 8 अगस्त को मंजूरी दे दी। इस बजट में वित्त मंत्री ने एक नई और अहम जानकारी दी, जिसकी लगभग अनदेखी ही कर दी गई। यह जानकारी या खुलासा बजट के व्यय दस्तावेज के वक्तव्य क्रमांक 27-ए […]

आज का अखबार, लेख

लैटरल एंट्री और UPS: दो निर्णयों के बहाने मोदी सरकार की शासन शैली में बदलाव की कहानी

नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल के आरंभ में ही देश का फौलादी ढांचा कहलाने वाली अफसरशाही के बारे में दो निर्णय लिए। पहला निर्णय विपक्ष के विरोध के कारण हड़बड़ी में वापस ले लिया गया और दूसरे का खास विरोध ही नहीं हुआ। पहला निर्णय था अफसरशाही में लैटरल एंट्री यानी सीधी भर्ती […]

आज का अखबार, लेख

राजनीतिक और आर्थिक अलगाव सही नहीं, सार्वजनिक क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने के लिए विश्वसनीय नीति की जरूरत

अगर आपको इस बात का सबूत चाहिए कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की सार्वजनिक क्षेत्र से संबंधित नीतियों में सूक्ष्म किंतु महत्त्वपूर्ण बदलाव आया है तो पिछले सप्ताह लोक सभा में पेश किया गया नया संशोधन विधेयक काफी होगा। यह सही है कि सैद्धांतिक तौर पर सरकार अपने उस पुराने निर्णय पर अटल […]

आज का अखबार, भारत

नए कैबिनेट सचिव बनने जा रहे टी वी सोमनाथन ने काबिलियत के दम पर हासिल किया शिखर, कुछ ऐसा रहा सफर

आजाद भारत के अब तक के इतिहास में टी वी सोमनाथन मात्र दूसरे ऐसे वित्त सचिव हैं जो कैबिनेट सचिव बनेंगे। कैबिनेट सचिव यानी अफसरशाही का सबसे वरिष्ठ और सबसे ताकतवर पद। इससे पहले फरवरी 1985 में पी के कौल वित्त सचिव से कैबिनेट सचिव बनने वाले पहले अफसरशाह थे। यानी एक अन्य वित्त सचिव […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार, बजट

बजट विद बीएस: द फाइन प्रिंट- राजकोषीय कुशलता के साथ वृद्धि पर जोर

मुंबई में बुधवार को आयोजित ‘बजट विद बीएस: द फाइन प्रिंट’ कार्यक्रम में वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने बिज़नेस स्टैंडर्ड के संपादकीय निदेशक ए के भट्टाचार्य के साथ वि​भिन्न मुद्दों पर चर्चा की। सोमनाथन ने बजट से जुड़े सवालों के जवाब दिए और रोजगार योजना, पूंजीगत लाभ इंडेक्सेशन तथा राजकोषीय रोडमैप पर सरकार के दृ​ष्टिकोण […]

आज का अखबार, लेख

Union Budget 2024: विवेकशील, साहसी और समझदारी भरा बजट, घोषणाओं में दिखा वित्त मंत्री का राजकोषीय विवेक

Budget 2024: नरेंद्र मोदी सरकार के अपने छठे पूर्ण बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को दिखाया कि वह राजकोषीय विवेक, साहस और राजनीतिक समझदारी सब रखती हैं। उनका राजकोषीय विवेक न केवल 2024-25 में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य कम करके सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.9 फीसदी तक लाने में नजर आता […]

आज का अखबार, लेख

राजस्व बढ़ाने पर देना होगा ध्यान

मोदी सरकार के बीते 10 साल के कार्यकाल में बजट का प्रदर्शन कैसा रहा? इस सवाल का एक जवाब यह होगा कि उनकी तुलना पिछली सरकारों के बजट से की जाए। परंतु एक अन्य तरीका यह भी होगा कि मोदी सरकार के बजट की आपस में ही तुलना की जाए। मौजूदा संदर्भ में ऐसा करना […]

आज का अखबार, लेख

नीतिगत खामियों से बच कर रहे बजट

आम बजट में देश के कारोबारी जगत की इच्छाओं को पूरा करने से अधिक जरूरी है कि नीतिगत खामियों से बचा जाए। बता रहे हैं ए के भट्‌टाचार्य खबरों के मुताबिक वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बजट पूर्व बैठक में उद्योग जगत की ओर से यह मांग की गई है कि उन कंपनियों को […]

आज का अखबार, लेख

बजट निर्माण की प्रक्रिया में बढ़े पारदर्शिता

बजट में वर्ष 2023-24 के प्रारंभिक आंकड़ों की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए और रिजर्व बैंक के अतिरिक्त अधिशेष का इस्तेमाल बेहतर प्रभाव के लिए किया जाना चाहिए। बता रहे हैं ए के भट्‌टाचार्य अब जबकि निर्मला सीतारमण पिछले कार्यकाल की तरह वित्त मंत्री के पद पर लौट आई हैं तो केंद्रीय वित्त मंत्रालय भी […]

आज का अखबार, लेख

गठबंधन सरकार और सुधारों की चुनौतियां

आम चुनाव के नतीजों से संकेत मिल रहा है कि शायद गठबंधन युग की वापसी हो गई है और नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने बलबूते सरकार नहीं बना पाएगी। ऐसे में देश की राजनीतिक अर्थव्यवस्था से संबंधित बहस में एक बार फिर इस बात पर जोर होगा कि आखिर केंद्र की नई […]

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