मार्जिन का भ्रमजाल: तात्कालिक लाभ से अधिक महत्वपूर्ण है इनोवेशन
ऐपल के साथ काम कर रहे वरिष्ठ लोगों से बातचीत में एक बात साफ जाहिर होती है कि वे इस बात को लेकर निराश हैं कि भारत का कारोबारी जगत भारत में ऐपल के वास्ते उपयुक्त माहौल बनाने के लिए जरूरी इच्छाशक्ति नहीं दिखा रहा है। चीन उनकी राह में बाधाएं खड़ी कर रहा है […]
विनिर्माण क्षमता का विस्तार: Apple से बढ़ी चीन की धमक भारत के लिए अहम सबक
मैं इन दिनों एक बेहतरीन किताब पढ़ रहा हूं- ‘ऐपल इन चाइना – द कैप्चर ऑफ द वर्ल्ड्स ग्रेटेस्ट कंपनी।’ किताब फाइनैंशियल टाइम्स के पत्रकार पैट्रिक मैकगी ने लिखी है, जो सैन फ्रांसिस्को में रहते हैं और ऐपल पर खबरें करते हैं। किताब में दो दिलचस्प बाते हैं। पहली, 1996 में दिवालिया होने के कगार […]
उथल-पुथल भरे ट्रंप के शुरुआती 100 दिन
मीडिया में ऐसे आलेखों और खबरों की भरमार है जिनमें डॉनल्ड ट्रंप के कार्यकाल के 100 दिनों का विश्लेषण किया गया है। सोशल मीडिया पर असाधारण स्तर पर अस्थिरता और बाजार संबंधी पोस्ट शेयर की जा रही हैं। ट्रंप ने पहले 100 दिनों में जितने आदेशों पर हस्ताक्षर किए हैं उतने किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने […]
गिरावट के बावजूद डॉलर का कद रहेगा बरकरार
बीते कुछ सप्ताहों के दौरान उत्पन्न हुई अस्थिरता का एक पहलू यह भी है कि अमेरिकी डॉलर और अमेरिकी ट्रेजरीज (सरकार द्वारा जारी डेट सिक्योरिटीज) ने जोखिम से बचने का व्यवहार नहीं दर्शाया है। निवेशकों में अमेरिकी ट्रेजरीज की खरीद करने या अमेरिकी डॉलर में निवेश करने की होड़ नजर आने के बजाय इन परिसंपत्ति […]
चीन से निर्यात की सुनामी और इससे बचने के उपाय
अब यह बात जगजाहिर हो चुकी है कि चीन दुनिया में सबसे बड़ी विनिर्माण एवं व्यापारिक शक्ति बन चुका है। चीन 1 लाख करोड़ डॉलर से अधिक व्यापार अधिशेष (ऐसी स्थिति जब कोई देश आयात से अधिक निर्यात करता है) की स्थिति में है, जो एक बेमिसाल आंकड़ा है। कोविड महामारी के बाद यह आंकड़ा […]
अमेरिकी शेयर बाजार और बबल के हालात
निवेशकों के बीच इस बात को लेकर उल्लेखनीय बहस चल रही है कि क्या अमेरिकी शेयर बाजारों में बबल (शेयरों और परिसंपत्तियों का मूल्यांकन वास्तविकता से काफी अधिक होना) की स्थिति है? क्या 1999-2000 की तरह हम एक बार फिर बबल की स्थिति से गुजर रहे हैं और क्या इस बार उसके केंद्र में आर्टिफिशल […]
बजट में व्यावहारिकता के साथ ही सीमाओं पर रखा गया ध्यान
बजट की सराहना अवश्य करनी होगी क्योंकि इसमें व्यावहारिकता झलकती है और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने जो चुनौतियां हैं, उन्हें देखते हुए यह शानदार बजट है। पिछले सात वर्षों में सरकार ने बहुत सोच-समझ कर सार्वजनिक खर्च बढ़ाया है और इसे वित्त वर्ष 2018 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 1.5 प्रतिशत से […]
क्या वैश्विक बाजार में जारी रहेगी तेजी?
जोखिम भरी परिसंपत्तियों के लिए 2024 बेहतरीन साल रहा। बिटकॉइन, सोना और अमेरिकी शेयर का प्रदर्शन खास तौर पर शानदार रहा। अमेरिका में एसऐंडपी 500 सूचकांक ने लगातार दूसरे साल 25 फीसदी से अधिक प्रतिफल दिया। इससे पहले अमेरिकी शेयरों ने लगातार दो साल तक 20 फीसदी से अधिक की वृद्धि 1997-98 में डॉट कॉम […]
अमेरिकी बाजारों में तेजी और बाकी दुनिया
अमेरिका के शेयर बाजारों पर विभिन्न बाजार पर्यवेक्षकों के आलेखों और टिप्पणियों की बाढ़ देखने को मिली। लगभग उन सभी का मानना था कि वह इकलौता ऐसा बाजार है जहां निवेश करना सही है। इनमें से अधिकांश बाजार पर्यवेक्षकों का मानना है कि अमेरिकी बाजार अपनी तेजी के उच्चतम स्तर पर हैं। यह सहमति इतनी […]
शेयर बाजार प्रतिफल की चौथाई सदी…
भारत ने विगत 25 वर्षों में जहां बेहतरीन वास्तविक रिटर्न दिया है, वहीं उच्च मूल्यांकन के कारण इसका टिकाऊ बने रहना मुश्किल प्रतीत होता है। बता रहे हैं आकाश प्रकाश मुझे डीबी बैंक के जिम रीड और उनकी टीम द्वारा किया गया एक दिलचस्प अध्ययन पढ़ने को मिला जो वित्तीय बाजारों के विगत 25 वर्षों […]








