भारत-पाकिस्तान रिश्तों में नई शुरुआत की संभावना
भारत की विदेश नीति का यह पहलू पर्यवेक्षकों को चकित कर सकता है कि वह लगभग हर बहुपक्षीय समूह में शामिल होने के लिए कैसे तैयार रहता है। शांघाई सहयोग संगठन (एससीओ) को ही लेते हैं। इसमें चीन और पाकिस्तान दोनों शामिल हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि यह भारत द्वारा एशिया और हिंद-प्रशांत क्षेत्रों […]
संपादकीय: सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स में चल रही हड़ताल का अंत…
एक स्वागतयोग्य घटनाक्रम में कर्मचारियों, कंपनी प्रबंधन और तमिलनाडु सरकार के बीच सफल बातचीत के बाद श्रीपेरुंबुदूर स्थित सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स (Samsung Electronics) के विनिर्माण संयंत्र में चल रही 37 दिन पुरानी श्रमिकों की हड़ताल इस सप्ताह समाप्त हो गई। इस हड़ताल की शुरुआत तब हुई जब कर्मचारियों ने काम के बोझ और कम वेतन भत्तों, […]
संपादकीय: सैटेलाइट स्पेक्ट्रम का प्रशासनिक आवंटन
केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि सैटेलाइट स्पेक्ट्रम (satellite spectrum) का प्रशासनिक आवंटन किया जाएगा। इससे यह स्पष्ट हुआ है कि नीलामी की संभावना समाप्त हो चुकी है। इसके साथ ही इससे साझा सैटेलाइट स्पेक्ट्रम के वैश्विक मानक की पुष्टि हुई है। अब कीमतों के निर्धारण का मामला भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) […]
संपादकीय: एक करोड़ युवाओं के लिए इंटर्नशिप के अवसर
केंद्र सरकार ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली तीसरी सरकार के पहले पूर्ण बजट की सर्वाधिक चर्चित घोषणाओं में से एक पर अमल शुरू कर दिया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई के बजट भाषण में कहा था कि सरकार पांच साल के दौरान शीर्ष 500 कंपनियों में एक करोड़ युवाओं को […]
संपादकीय: संस्थानों की शक्ति
इस वर्ष अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार तीन ऐसे विद्वानों को दिया जा रहा है जिन्हें एक बेहद साधारण प्रश्न करने में विशेषज्ञता हासिल है: देश अमीर कैसे बनते हैं? ये विद्वान पारंपरिक संदर्भों में अकादमिक अर्थशास्त्री नहीं हैं। निश्चित तौर पर डैरन एसमोगलू अपनी पीढ़ी के सर्वाधिक प्रतिष्ठित प्रोफेसरों में से एक हैं। परंतु साइमन […]
Editorial: भारत के विनिर्माण क्षेत्र की चुनौतियां, अति नियमन और छोटे संयंत्रों का जाल
विनिर्माण क्षेत्र में, खासतौर पर श्रम आधारित विनिर्माण में भारत का निरंतर कमजोर प्रदर्शन देश की अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा मुद्दा है। यह कोई पहेली भी नहीं है बल्कि इस बात को कई तरह से समझा जा सकता है और इसकी कई संभावित वजहें और स्पष्टीकरण हैं। व्यापार नीति में निरंतरता का अभाव, खराब लैंगिक […]
सम्पादकीय: आत्मविश्वास में इजाफा
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के निवेशकों को राहत देते हुए भारत ने उसके साथ द्विपक्षीय निवेश संधि (बीआईटी) के कुछ प्रावधानों को शिथिल कर दिया है। इसमें निवेशकों के लिए विवाद की स्थिति में समाधान के स्थानीय उपायों का उपयोग करने की अवधि को पांच वर्ष से कम करके तीन वर्ष करना शामिल है। इसका […]
संपादकीय: रतन टाटा की मूल्यवान विरासत
रतन टाटा (Ratan Tata) ने करीब दो दशक से अधिक वक्त तक देश के सबसे बड़े कारोबारी समूह का नेतृत्व किया। सन 1991 में जेआरडी टाटा विरासत में 34 सूचीबद्ध और गैरसूचीबद्ध कंपनियों के एक असमान समूह को जिस हालात में छोड़ गए थे, उन्होंने उसे मजबूती प्रदान की। यह सही है कि टाटा समूह […]
Editorial: RBI MPC के फैसले में स्पष्ट प्रतिबद्धता, लचीलापन तय करने की दिशा में कदम
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने नए बाहरी सदस्यों के साथ इस सप्ताह नीतिगत समीक्षा की। उसने यह निर्णय लिया कि वह नीतिगत रीपो दर को 6.5 फीसदी के स्तर पर अपरिवर्तित रखेगी। परंतु एमपीसी ने नीतिगत रुख को समायोजन वापस लेने से बदलकर तटस्थ करने का निर्णय लिया ताकि कुछ […]
Editorial- स्पष्ट जनादेश: अगली सरकार के लिए हरियाणा में चुनौतियां कुछ सरल, मगर जम्मू-कश्मीर में हालात हो सकते हैं और कठिन
हरियाणा तथा जम्मू-कश्मीर (केंद्रशासित प्रदेश) के विधान सभा चुनाव नतीजे मंगलवार को सामने आए। ये नतीजे अपनी-अपनी तरह से उल्लेखनीय हैं। हरियाणा में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी करने में कामयाब रही और इस दौरान उसका मत प्रतिशत भी सुधरा। भाजपा को इस बार 40 फीसदी से अधिक मत […]









