Editorial: भारत में श्रम शक्ति भागीदारी उच्चतम स्तर पर, रोजगार की गुणवत्ता बनी चुनौती
जुलाई 2023-जून 2024 तक के ताजा वार्षिक सावधिक श्रम शक्ति सर्वे (पीएलएफएस) की रिपोर्ट इसी सप्ताह जारी की गई। उससे पता चला कि बेरोजगारी दर पिछले वर्ष के समान यानी 3.2 फीसदी रही। बहरहाल कुल श्रम शक्ति भागीदारी दर (एलएफपीआर) की बात करें तो 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए यह […]
Editorial: 93% डेरिवेटिव कारोबारियों को F&O में नुकसान, लेनदेन की लागत बनी बड़ी चुनौती
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के एक नये अध्ययन ‘इक्विटी डेरिवेटिव क्षेत्र में लाभ-हानि का विश्लेषण (वित्त वर्ष 22-24)’ से संकेत मिलता है कि डेरिवेटिव में कारोबार नुकसानदेह है। इसमें ब्रोकरेज और विनिमय शुल्क के कारण लेनदेन की लागत बढ़ती है और इनके कारण कुल मिलाकर डेरिवेटिव कारोबार ऐसे कारोबार में बदल जाता है […]
Editorial: नई राह पर श्रीलंका, बाहरी विद्रोही या देश का भविष्य?
बीते सप्ताहांत संपन्न हुए श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनावों ने कई पुरानी मिसाल तोड़ी हैं और देश की दशकों पुरानी राजनीतिक परंपरा को भी उलट दिया। श्रीलंका में आमतौर पर सत्ता दो अलग-अलग शक्तियों के बीच बंटती रही है जिनका नेतृत्व मध्य-दक्षिण और मध्य-वामपंथी दल करते हैं। यहां तक कि पिछले ताकतवर लोगों मसलन राजपक्षे परिवार […]
Editorial: क्वाड में भारत की भूमिका और हिंद-प्रशांत में बढ़ते भू-राजनीतिक प्रभाव पर जोर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ पिछली व्यक्तिगत बैठक और उनकी अध्यक्षता वाली क्वाड सालाना शिखर बैठक के दौरान जी 7 देशों के साथ भारत के बढ़ते तालमेल को रेखांकित किया। बाइडन का कार्यकाल आगामी जनवरी में पूरा हो जाएगा। दोनों बैठकों में चीन की बढ़ती होड़ से मुकाबला करने […]
Editorial: आर्थिक असमानता पर बढ़ती खाई, राज्यों के विकास में असंतुलन और नीतिगत चुनौतियां
देश में तेज आर्थिक विकास असंतुलित विकास, बढ़ती असमानता और विकास के चुनिंदा शहरी क्षेत्रों में सीमित रह जाने के रूप में सामने आया है। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट ‘रिलेटिव इकनॉमिक परफॉर्मेंस ऑफ इंडियन स्टेट्स: 1960-61 टु 2023-24’ में इस विषय की गहराई से पड़ताल की गई है। इसमें वृहद आर्थिक […]
Editorial: फेड का संतुलनकारी कदम
अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (फेड) एक बार फिर गलत साबित होना नहीं चाहता। महामारी के दौरान मुद्रास्फीति में इजाफे को गलत समझने के बाद वह यह सुनिश्चित करना चाहता है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था को कोई झटका न लगे। बेरोजगारी की दर अगस्त में 4.2 फीसदी बढ़ी जबकि एक वर्ष पहले इसमें 3.8 फीसदी का […]
Editorial: घरेलू मांग पर निर्भरता बढ़ी, निर्यात में गिरावट भारत की मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ के लिए चुनौती
भारत खुशकिस्मत है कि हमारे यहां उपभोक्ताओं का एक बड़ा आधार है जो कुछ हद तक अर्थव्यवस्था को वैश्विक मांग की लहरों से बचाता है। परंतु इसका यह अर्थ नहीं है कि वृद्धि और आर्थिक सुरक्षा को बिना निर्यात पर ध्यान दिए हासिल किया जा सकता है। दुर्भाग्य की बात है कि आंकड़ों से संकेत […]
Editorial: मोदी सरकार के 100 दिन; जारी रहे सुधार प्रक्रिया
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली तीसरी सरकार ने मंगलवार को अपने कार्यकाल के 100 दिन पूरे कर लिए। संयोगवश मंगलवार को ही मोदी का 74वां जन्मदिन भी था जिसके बारे में सरकार की ओर से कहा गया कि उसे कई विभागों द्वारा ‘सेवा पखवाड़ा’ के आरंभ के रूप मे मनाया जा रहा है। यह पखवाड़ा […]
Editorial: कृषि उत्पादों के आयात और निर्यात के फैसलों से सरकार ने बिठाया सही संतुलन
केंद्र सरकार ने गत सप्ताह कृषि उत्पादों के आयात और निर्यात से संबंधित कुछ निर्णय लिए। उसने बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) समाप्त कर दिया। गत वर्ष बासमती चावल पर प्रति टन 1,200 डॉलर का एमईपी लगाया गया था जिसे बाद में कम करके 950 डॉलर प्रति टन कर दिया गया था। सरकार […]
Editorial: जीएसटी आंकड़ों का व्यापक उपयोग, नीतियों और बाजार के लिए छिपे खजाने का खुलासा
सात वर्ष पहले वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की शुरुआत के बाद से अब तक जीएसटी नेटवर्क यानी जीएसटीएन ने बहुत बड़ी तादाद में लेनदेन दर्ज किए हैं। सवाल यह है कि क्या इन आंकड़ों को अन्य स्थानों पर इस्तेमाल किया जा सकता है। जीएसटीएन इन आंकड़ों को अन्य स्थानों पर इस्तेमाल करने का अनिच्छुक […]








