facebookmetapixel
रेट कट का असर! बैंकिंग, ऑटो और रियल एस्टेट शेयरों में ताबड़तोड़ खरीदारीTest Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासा

लेखक : बीएस संपादकीय

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: कृषि के लिए सरकार की अभिनव भंडारण योजना

किसानों के अपनी मांगों को लेकर लगातार किए जा रहे विरोध प्रदर्शन के बीच सरकार ने गत सप्ताह सहकारी क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना के लिए एक प्रायोगिक परियोजना प्रस्तुत की। माना जा रहा है कि लंबी अवधि में यह कृषि क्षेत्र के लिए लाभदायक साबित होगी। यह प्रायोगिक परियोजना 11 […]

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: वित्तीय स्थिरता का लक्ष्य और जवाबदेह नवाचार

भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ जो नियामकीय कदम उठाया है उसने व्यवस्था में काफी असहजता पैदा की है। खासतौर पर तेजी से बढ़ते फिनटेक कारोबार में इसे लेकर असहज माहौल बना है। नियामक ने यह स्पष्ट किया है कि उसने उक्त कदम कंपनी के साथ पर्याप्त द्विपक्षीय चर्चा […]

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: घरेलू खपत में परिवर्तन, उत्पादकों के लिए संकेत

सरकार ने गत सप्ताह घरेलू खपत व्यय सर्वेक्षण के कुछ नतीजे जारी किए। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने अगस्त 2022 से जुलाई 2023 के बीच 2.60 लाख परिवारों में खपत को लेकर एक व्यापक सर्वेक्षण किया। बीते एक दशक में यह पहला ऐसा सर्वेक्षण है जिसके नतीजे सार्वजनिक किए गए हैं। हालांकि 2017-18 में भी ऐसा […]

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: बेहतर अनुपालन की जरूरत

सर्वोच्च न्यायालय ने सुधार का एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाते हुए सरकार को निर्देश दिया है कि वह वनों की व्यापक ‘शब्दकोश परिभाषा’ के लिए सन 1996 में सर्वोच्च न्यायालय के ही दो सदस्यीय पीठ की परिभाषा का पालन करे। ताजा निर्णय तीन सदस्यीय पीठ ने वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) में संशोधन के खिलाफ दा​खिल की […]

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: रूस-यूक्रेन युद्ध और नाटो की पहेली

आज यानी शनिवार 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस के हमले को दो वर्ष पूरे हो रहे हैं। लेकिन कीव (यूक्रेन की राजधानी), मॉस्को और ब्रसेल्स (यूरोपीय संघ और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन यानी नाटो का मुख्यालय) में सबकी नजरें नवंबर में होने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों पर लगी हुई हैं। इन चुनावों में […]

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: सरकार का खर्च कम करने पर जोर, क्या पड़ेगा अर्थव्यवस्था पर असर?

इस माह के आरंभ में पेश किए गए अंतरिम बजट में सरकार ने राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करने और बाहरी उधारी को सीमित करने पर नए सिरे से जोर दिया। वित्त वर्ष 25 में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 5.1 फीसदी तक सीमित रखने का लक्ष्य रखा गया है जो वित्त वर्ष […]

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: क्रायोजेनिक इंजन और ISRO का अगला चरण

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गत शनिवार को तीसरी पीढ़ी का मौसम संबंधी उपग्रह इनसैट-3डीएस सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया। इसे एक बड़ी उपलब्धि के रूप में सराहा गया। यह उपग्रह मौसम के पूर्वानुमान की भारत की क्षमता बढ़ाएगा। अंतरिक्ष एजेंसी इंजन के समस्यामुक्त प्रदर्शन से रोमांचित थी। उपग्रह को ले जाने वाले जीएसएलवीएफ14 रॉकेट में […]

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: पांच फसलों पर MSP के प्रस्ताव को नकारकर किसानों ने गंवाया अवसर

किसान प्रतिनिधियों ने गेहूं और चावल से इतर पांच फसलों के बाजारयोग्य अधिशेष को अगले पांच वर्ष तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदने के सरकार के प्रस्ताव को नकारकर एक अवसर गंवा दिया है। वे इसे स्वीकार करके प्रदर्शनकारियों की अतिवादी मांगों एवं केंद्र सरकार की राजकोषीय क्षमताओं के बीच एक मध्य मार्ग निकाल […]

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: जापान और यूनाइटेड किंगडम की अर्थव्यवस्था में मंदी और वैश्विक खतरे

गत सप्ताह दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं जापान और यूनाइटेड किंगडम ने कहा कि लगातार दो तिमाहियों से उनके सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि ऋणात्मक है। आमतौर पर अर्थशास्त्री इसे अर्थव्यवस्था के मंदी में जाने का संकेत मानते हैं। इसकी वजह से जापान शायद सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की सूची में नीचे फिसल जाए। जर्मनी […]

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: तीसरी तिमाही में कंपनियों के नतीजों से मिल रहा उत्साहवर्धक संकेत

चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2023) में आए 3,233 सूचीबद्ध कंपनियों के नतीजे बताते हैं कि खपत अभी भी कम है लेकिन सुधार के कुछ संकेत हैं और कॉर्पोरेट निवेश में सुधार हो रहा है। विशुद्ध बिक्री में पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में केवल सात फीसदी का इजाफा हुआ […]

1 42 43 44 45 46 79