facebookmetapixel
रेट कट का असर! बैंकिंग, ऑटो और रियल एस्टेट शेयरों में ताबड़तोड़ खरीदारीTest Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासा

लेखक : बीएस संपादकीय

आज का अखबार, लेख, संपादकीय

पहल का अवसर

अमेरिका और नाटो के खुफिया सूत्रों का कहना है कि रूस यूक्रेन पर नए सिरे से हमले कर सकता है। इस बीच बहस का बड़ा हिस्सा इस बात पर कें​द्रित रहा है कि जर्मन चांसलर ओलाफ शुल्ज ने यूक्रेन को लेपर्ड 2 मुख्य युद्धक टैंक देने में हिचकिचाहट दिखाई है। इस बहस में यह बात […]

आज का अखबार, लेख, संपादकीय

IBC में बदलाव की पहल

वर्ष 2016 में जब ऋण शोधन अक्षमता एवं दिवालिया संहिता (IBC) की शुरुआत हुई थी तो यह अपेक्षा की गई थी कि इस नई व्यवस्था से भारतीय अर्थव्यवस्था में एक महत्त्वपूर्ण अंतर पाटना आसान हो जाएगा। आईबीसी को हाल के वर्षों में हुए महत्त्वपूर्ण सुधारों में एक समझा गया। इसका मकसद कंपनी जगत में दिवालिया […]

आज का अखबार, राजनीति

सीआर पाटिल के सियासी सितारे बुलंदी पर!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शानदार प्रदर्शन के बाद सार्वजनिक रूप से भाजपा की गुजरात इकाई के प्रमुख सीआर पाटिल की सराहना की। उनकी प्रशंसा इतने शानदार तरीके से की गई थी कि अधिकांश पार्टी कार्यकर्ताओं ने अटकलें लगानी शुरू कर दीं कि पाटिल, पार्टी के […]

अन्य, आज का अखबार, भारत, लेख, संपादकीय

हिमालय क्षेत्र का संकट और हमारी गतिविधियां

उत्तराखंड के जोशीमठ में घटित त्रासदी हमें बताती है कि हिमालय क्षेत्र की पारिस्थितिकी के साथ छेड़छाड़ कितनी मुश्किल पैदा करने वाली है। बता रहे हैं श्याम सरन मैं कई वर्षों से हिमालय में ट्रेकिंग (पहाड़ों पर चढ़ाई) के लिए जाता रहा हूं। मैंने बतौर ट्रेकर अक्सर अपना अनुभव इस समाचार पत्र के पन्नों पर […]

आज का अखबार, लेख, संपादकीय

समुचित जांच-परख जरूरी

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक मशविरा पत्र जारी किया है जिसका शीर्षक है, ‘ब्लॉकिंग ऑफ फंड्स फॉर ट्रेडिंग इन सेकंडरी मार्केट’ अर्थात द्वितीयक बाजार में कारोबार के लिए फंड को रोकना। कुल मिलाकर यह कोशिश है ऐप्लीकेशन सपोर्टेड बाइ द ब्लॉक्ड अमाउंट (अस्बा) प्रणाली का विस्तार करने की। अस्बा प्राथमिक बाजार से […]

आज का अखबार, लेख, संपादकीय

राज्यों का पूंजीगत व्यय

महामारी के कारण मची उथलपुथल के बाद राज्य सरकारों की वित्तीय स्थिति में उल्लेखनीय सुधार आया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने राज्य सरकारों की वित्तीय स्थिति पर जो वार्षिक रिपोर्ट पेश की है उसके मुताबिक राज्यों का समेकित सकल राजकोषीय घाटा 2020-21 के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.1 फीसदी से कम होकर 2021-22 में […]

आज का अखबार, लेख, संपादकीय

बढ़ती असमानता

अगर देश में बढ़ती असमानता के ज्यादा प्रमाणों की आवश्यकता थी तो गैर सरकारी संगठन ऑक्सफैम की ताजा वैश्विक संपत्ति रिपोर्ट इसके पुख्ता प्रमाण प्रस्तुत करती है। दावोस में विश्व आर्थिक मंच के शुरुआती दिन जारी की गई इस रिपोर्ट का शीर्षक है: ‘सरवाइवल ऑफ द रिचेस्ट: द इंडिया स्टोरी’। यह रिपोर्ट दिखाती है कि […]

आज का अखबार, लेख, संपादकीय

निवेश में कमी से बढ़ती चिंता

भारत में बड़ी नीतिगत चुनौतियों में से एक है आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाना और उनमें सुधार की गति बढ़ाना। हालांकि इस संदर्भ में काफी कुछ निवेश की स्थिति में सुधार पर निर्भर करता है, जिसमें कुछ समय से सुस्ती छाई हुई है। इसके लिए सरकार सार्वजनिक निवेश को बढ़ावा देती रही है ताकि निजी […]

आज का अखबार, लेख, संपादकीय

घटाएं चीनी की मात्रा

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दुनिया के देशों को मसौदा दिशानिर्देश जारी किए हैं। इनमें में सुझाया गया है कि स्वस्थ आहार को बढ़ावा देने के लिए दुनिया के देश किस तरह राजकोषीय नीतियां तैयार कर सकते हैं। दिशानिर्देशों के एक महत्त्वपूर्ण हिस्से पर फिलहाल मंत्रणा चल रही है। इसमें कहा गया है कि कर […]

आज का अखबार, लेख, संपादकीय

अतिरिक्त संसाधन का तर्कपूर्ण इस्तेमाल

केंद्र सरकार इस बात को लेकर आश्वस्त है कि चालू वित्त वर्ष में वह राजकोषीय घाटा लक्ष्य के अनुरूप सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.4 प्रतिशत तक सीमित रखने में सफल रहेगी। सरकार ने बजट अनुमानों के अतिरिक्त 3.26 लाख करोड़ रुपये व्यय करने की अनुमति मांगी है। सरकार को विश्वास है कि इस अतिरिक्त […]

1 74 75 76 77 78 79