सामयिक सवाल: कपड़ा नगरी सूरत में अलग तरह का संकट
गुजरात की टेक्सटाइल सिटी के नाम से मशहूर शहर सूरत में इन दिनों चीन की काफी चर्चा हो रही है। सूरत वही शहर है जहां चुनाव से पहले ही सांसद निर्विरोध चुना जा चुका है। चीन का कथानक न केवल यहां के उद्योग जगत की आंतरिक चर्चा का हिस्सा है बल्कि राजनीतिक दलों और कारोबारियों […]
अपने दम पर चमकेगा सूरत का हीरा कारोबार, उद्योग को नई सरकार से खास उम्मीद नहीं
उद्योगों समेत प्रत्येक क्षेत्र को लोक सभा चुनावों से उम्मीदें होती हैं। हर कोई चाहता है कि उसके हित के लिए काम करने वाली सरकार सत्ता में आए। लेकिन हीरा उद्योग की प्रतिक्रिया अलग है। केंद्र में बनने वाली अगली सरकार से अपेक्षाओं के सवाल पर 62 वर्षीय सावजी धनजी ढोलकिया कहते हैं कि हीरा […]
लोकसभा चुनाव 2024: भाजपा का अजेय रथ रोक पाएगी कांग्रेस?
गुजरात में लोक सभा मतदान की तारीख जैसे-जैसे करीब आ रही है, चुनाव प्रचार जोर पकड़ने लगा है। यहां 7 मई को वोट पड़ेंगे। वर्ष 2014 और 2019 के पिछले दोनों लोक सभा चुनावों में भाजपा ने राज्य की सभी 26 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसी सफलता को दोहराने के लिए पार्टी ने […]
सामयिक सवाल: सभी निवेशकों का स्वागत करने का सही वक्त
अगर Apple जैसा कोई शीर्ष वैश्विक ब्रांड, भारत में रिकॉर्ड स्तर पर रोजगार के मौके तैयार कर सकता है तब बेवजह अधिक समय लगाने वाली ‘लालफीताशाही’की व्यवस्था कायम करने के बजाय इनका स्वागत किए जाने के विचार को और अधिक तेजी से आगे बढ़ाया जाना चाहिए। अनुमानों से अंदाजा मिलता है कि अगस्त 2021 में […]
Electoral Bonds: कंपनियां बोलीं, चुनावी खर्च भारी भरकम..बॉन्ड से चंदा बेहद कम
निर्वाचन आयोग द्वारा चुनावी बॉन्डों के खरीदारों और उन्हें भुनाने वालों की सूची जारी किए जाने के एक दिन बाद आज भारतीय कंपनी जगत ने इस पर दोटूक प्रतिक्रिया दी। कई कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों ने कहा कि राजनीति दल चुनावों पर जितना खर्च करते हैं, उसका बेहद मामूली हिस्सा बॉन्डों से जुटाया गया है। […]
…अब महिलाओं के बोलने की बारी
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2024 की थीम, ‘महिलाओं में निवेश करें, प्रगति को गति दें’ है और यह इस बात की तस्दीक करता है कि महिला और पुरुष के बीच समानता हासिल करने के लिए दुनिया में बदलाव लाना होगा। इसका आकलन करने के लिए चुनाव से बेहतर समय नहीं हो सकता है। चुनावों के इस […]
सामयिक सवाल: स्टार्टअप संस्थापकों के लिए आत्ममंथन का क्षण
बैंक नियामक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 31 जनवरी को पेटीएम पेमेंट्स बैंक के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए, तब से टिप्पणीकारों और स्वघोषित विशेषज्ञों ने भी यह घोषणा कर दी है कि अब कंपनी अपने अंत की ओर बढ़ रही है। हालांकि, किसी ने भी यह स्पष्ट नहीं किया है कि क्या आरबीआई के […]
Vodafone Idea: कर्ज, घटते ग्राहक और 5G में देरी से घिरी Vi का भविष्य अनिश्चित
अगस्त 2021 में, वोडाफोन Plc के सीईओ निक रीड ने एक अर्निंग कॉल के दौरान आदित्य बिड़ला समूह के साथ एक ज्वाइंट वेंचर वोडाफोन आइडिया के बारे में बात की थी। उन्होंने कहा था कि वोडाफोन आइडिया कर्ज और घाटे की बड़ी चुनौतियों का सामना कर रही है। उन्होंने कहा कि वे यथासंभव मदद कर […]
खुदरा उद्योग: कितना खतरा और कितना बदला
बात करीब 10 साल पहले की है जब दिल्ली के मशहूर सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम में कारोबारियों का जमावड़ा लगा था। दिन था 27 फरवरी 2014 और यह आम चुनाव की शुरुआत होने से कुछ हफ्ते पहले की बात है। यहां मुख्य वक्ता के तौर पर नरेंद्र मोदी आमंत्रित थे जो उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री […]
सामयिक सवाल: चेन्नई में चक्रवाती तूफान ‘मिगजॉम’ से सबक
देश के व्यस्ततम शहरों में से एक चेन्नई में मिगजॉम चक्रवात के कारण लोग बिल्कुल अलग-थलग पड़ गए थे। अचानक बने हालात में जहां कई लोग अपनी यात्रा की योजना बदलने को मजबूर हुए, वहीं उन्हें कई घंटे बिना बिजली के भी रहना पड़ा। इंटरनेट कनेक्टिविटी कमजोर हो जाने की वजह से ईमेल और व्हाट्सऐप […]









