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भारत में स्टार्टअप कंपनियों को बीते साल 33 फीसदी कम मिली फंडिंग : रिपोर्ट

Last Updated- January 11, 2023 | 7:38 PM IST
Startup valuation cut by foreign investors

भारतीय स्टार्टअप कंपनियों के लिए फंडिंग पिछले वर्ष की तुलना में 2022 में 33 फीसदी घटकर 24 अरब डॉलर रह गया। हालांकि, यह राशि 2019 या 2020 में मिले फंडिंग की तुलना में लगभग दोगुनी है। पीडब्ल्यूसी इंडिया की एक रिपोर्ट में बुधवार को यह जानकारी दी गई।

‘स्टार्टअप ट्रैकर-कैलेंडर ईयर 2022’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया कि वैश्विक नरमी के बावजूद वैश्विक निवेशकों का भारतीय स्टार्टअप परिवेश को लेकर रुख अब भी सकारात्मक है।

रिपोर्ट में कहा गया, ‘भारतीय स्टार्टअप के लिए फंडिंग 2022 में करीब 24 अरब डॉलर रहा है जो 2021 की तुलना में करीब 33 फीसदी कम है। हालांकि, यह 2020 और 2019 में जुटाए गए कोष की तुलना में अब भी दोगुना से अधिक है।’ वर्ष 2019 में स्टार्टअप को कुल 13.2 अरब डॉलर का कोष मिला था, 2020 में 10.9 अरब डॉलर का और 2021 में 35.2 अरब डॉलर का कोष मिला था।

पीडब्ल्यूसी इंडिया में साझेदार (सौदे) एवं इंडिया स्टार्टअप्स लीडर अमित नावका ने कहा कि कोष गतिविधियों में नरमी के बावजूद ‘सॉफ्टवेयर संबंधी सेवा’ और आरंभिक स्तर के फंडिंग में तेजी बरकरार है। फंडिंग का परिदृश्य दो-तीन तिमाही के बाद सामान्य होने लगेगा।’

यह भी पढ़ें: ‘स्टार्टअप इंडिया सीड फंड’ योजना का तीसरे पक्ष से मूल्यांकन करा रहा है DPIIT

रिपोर्ट में कहा गया कि 2021 और 2022 में कुल फंडिंग में संख्या के लिहाज से सर्वाधिक 60 से 62 फीसदी कोष शुरुआती स्तर के सौदों में गया है और एक सौदे का औसत आकार 40 लाख डॉलर रहा। विभिन्न शहरों के स्टार्टअप को मिले फंडिंग के लिहाज से देखा जाए तो दिसंबर 2022 में भारत के कुल स्टार्टअप में से करीब 82 फीसदी बेंगलूरु, एनसीआर और मुंबई से थे। इन शीर्ष तीन शहरों के करीब 28 फीसदी स्टार्टअप ने दो करोड़ डॉलर से अधिक का वित्त जुटाया।

First Published - January 11, 2023 | 5:05 PM IST

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