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Adani Wilmar में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचेगा अदाणी ग्रुप, दो अरब डॉलर से ज्यादा का सौदा

अदाणी विल्मर में अदाणी की तरफ से नामित निदेशक बोर्ड से हट जाएंगे।’’ सौदा 31 मार्च, 2025 से पहले पूरा होने की संभावना है।

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भाषा   
Last Updated- December 30, 2024 | 5:38 PM IST

Adani Wilmar stake sale: अदाणी समूह ने सोमवार को अपनी संयुक्त उद्यम कंपनी अदाणी विल्मर (Adani Wilmar) से बाहर निकलने की घोषणा की। उद्योगपति गौतम अदाणी (Gautam Adani) की अगुवाई वाला समूह अपनी पूरी हिस्सेदारी सिंगापुर की भागीदार कंपनी विल्मर इंटरनेशनल और खुले बाजार में दो अरब डॉलर से अधिक में बेच रहा है। अदाणी एंटरप्राइजेज लि. ने बयान में कहा कि वह 31.06 प्रतिशत हिस्सेदारी विल्मर इंटरनेशनल को बेचेगी। साथ ही न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता जरूरतों को पूरा करने के लिए लगभग 13 प्रतिशत हिस्सेदारी खुले बाजार में बेचेगी।

संयुक्त उद्यम में अदाणी विल्मर की हिस्सेदारी 43.94 प्रतिशत है। समूह 31.06 प्रतिशत हिस्सेदारी विल्मर को 12,314 करोड़ रुपये (305 रुपये प्रति शेयर के भाव पर) पर बेचेगा। इसके अलावा बिक्री पेशकश के तहत शेष हिस्सेदारी बेची जाएगी। कुल सौदा राशि दो अरब डॉलर (करीब 17,100 करोड़ रुपये) से अधिक होगी।

बयान के अनुसार, ‘‘इसके साथ, अदाणी एंटरप्राइजेज अदाणी विल्मर लि. से पूरी तरह बाहर निकल जाएगी। अदाणी विल्मर में अदाणी की तरफ से नामित निदेशक बोर्ड से हट जाएंगे।’’ सौदा 31 मार्च, 2025 से पहले पूरा होने की संभावना है। हिस्सेदारी बिक्री से प्राप्त आय का उपयोग मुख्य बुनियादी ढांचा कारोबार में अदाणी एंटरप्राइजेज लि. (एईएल) की वृद्धि को गति देने के लिए किया जाएगा।

नवंबर में अमेरिकी संघीय अभियोजकों की तरफ से अदाणी समूह के संस्थापक चेयरमैन गौतम अदाणी और उनके सहयोगियों पर नवीकरणीय ऊर्जा आपूर्ति अनुबंध हासिल करने के लिए 26.5 करोड़ डॉलर की रिश्वत योजना के आरोप पत्र दायर करने के बाद यह पहला बड़ा लेनदेन है। अदाणी समूह ने आरोपों को आधारहीन बताते हुए मामले में कानूनी कदम उठाने की बात कही थी।

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बयान में कहा गया, ‘‘अदाणी एंटरप्राइजेज लि., अदाणी कमोडिटीज एलएलपी (एईएल की पूर्ण अनुषंगी कंपनी) और लांस पीटीई लिमिटेड (विलमर इंटरनेशनल लिमिटेड की पूर्ण अनुषंगी कंपनी) ने 30 दिसंबर, 2024 को एक समझौता किया है। इसके तहत लांस अदाणी विल्मर लिमिटेड के 31.06 प्रतिशत चुकता इक्विटी शेयर का अदाणी कमोडिटीज से अधिग्रहीत करेगी…।’’

इसके अलावा, दोनों पक्षों के बीच इस बात पर सहमति हुई है कि एईएल न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता आवश्यकताओं के अनुपालन को प्राप्त करने के लिए अदाणी विल्मर में 13 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी। इस बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दी गयी है। अदाणी विल्मर लि. अदाणी समूह और सिंगापुर की जिंस कंपनी विल्मर की संयुक्त उद्यम इकाई है। दोनों भागीदारों के पास वर्तमान में अदाणी विल्मर में 87.87 प्रतिशत हिस्सेदारी है। यह अधिकतम स्वीकार्य 75 प्रतिशत से कहीं अधिक है।

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कंपनी में 30 सितंबर, 2024 की स्थिति के अनुसार दोनों की बराबर 43.94-43.94 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। बाजार नियामक सेबी के नियमों के अनुसार, बड़ी कंपनियों को सूचीबद्ध होने के तीन साल के भीतर कम से कम 25 प्रतिशत शेयर सार्वजनिक निवेशकों के लिए उपलब्ध होने चाहिए। अदाणी विल्मर 1999 में गठित हुई थी। कंपनी फॉर्च्यून ब्रांड के तहत खाना पकाने का तेल, गेहूं का आटा, दाल, चावल और चीनी बनाती है। इसके 10 राज्यों में 23 संयंत्र हैं।

बयान में कहा गया है, ‘‘… एईएल अदाणी विल्मर में अपनी लगभग 44 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री के साथ पूरी तरह बाहर निकल जाएगी।’’ अदाणी विल्मर का शुक्रवार, 27 दिसंबर, 2024 तक, बाजार पूंजीकरण 42,785 करोड़ रुपये (पांच अरब डॉलर) था। एईएल ने बयान में कहा, ‘‘बिक्री से प्राप्त आय का उपयोग ऊर्जा, परिवहन और लॉजिस्टिक और प्राथमिक उद्योग से जुड़े संबंधित क्षेत्रों में मुख्य बुनियादी ढांचे अपने निवेश को बढ़ाने के लिए किया जाएगा।’’

First Published : December 30, 2024 | 5:36 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)