Air India को लेकर यात्रियों के बीच असंतोष लगातार बढ़ता जा रहा है। हाल ही में LocalCircles नामक संस्था ने एक सर्वे किया, जिसमें चौंकाने वाले नतीजे सामने आए। सर्वे के मुताबिक, पिछले एक साल में 79 फीसदी यात्रियों ने Air India के विमानों की गुणवत्ता और रखरखाव को लेकर शिकायत की। यह आंकड़ा 2024 में 55 फीसदी था, यानी शिकायतों में तेजी से इजाफा हुआ है। यह सर्वे 12 जून को हुए Air India के फ्लाइट AI171 हादसे के बाद और भी अहम हो गया, जिसमें बोइंग 787 ड्रीमलाइनर क्रैश होने से 242 में से सिर्फ एक यात्री बचा। साथ ही जमीन पर मौजूद 34 अन्य लोगों की भी मौत हो गई।
सर्वे में 15,000 यात्रियों ने हिस्सा लिया, जो भारत के 307 से ज्यादा जिलों से थे। इनमें 63 फीसदी पुरुष और 37 फीसदी महिलाएं थीं। 44 फीसदी यात्री टियर-1 शहरों से, 26 फीसदी टियर-2 और 30 फीसदी टियर-3, 4, 5 या ग्रामीण इलाकों से थे। यात्रियों ने विमान की खराब हालत को सबसे बड़ी समस्या बताया। इसके अलावा, कई अन्य मुद्दों पर भी शिकायतें बढ़ीं।
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सर्वे में सामने आया कि 48 फीसदी यात्रियों को बैगेज हैंडलिंग में दिक्कत हुई, जो 2024 में 38 फीसदी थी। मनोरंजन सिस्टम की खराबी की शिकायत 36 फीसदी यात्रियों ने की, जो पहले 24 फीसदी थी। कस्टमर सर्विस से 31 फीसदी लोग नाखुश थे, जो पिछले साल 24 फीसदी थे। खाने की गुणवत्ता पर भी 31 फीसदी यात्रियों ने सवाल उठाए। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में सुधार दिखा। फ्लाइट्स के समय पर चलने की शिकायत 69 फीसदी से घटकर 46 फीसदी हुई। स्टाफ के व्यवहार से नाराजगी भी 38 फीसदी से कम होकर 31 फीसदी रह गई। सूचनाओं की पारदर्शिता में भी मामूली बेहतरी देखी गई।
Air India ने कुछ सुधार दिखाए, लेकिन कुल मिलाकर शिकायतें बढ़ी हैं। अहमदाबाद हादसे के बाद कई यात्रियों ने अपनी यात्रा रद्द कर दी। कुछ उड़ानें एयरलाइन ने खुद तकनीकी खराबी के शक में रद्द कीं। DGCA इस हादसे की जांच कर रहा है और एयरलाइन की सुरक्षा व रखरखाव की पड़ताल कर रहा है। 22 जून को DGCA ने फ्लाइट क्रू रोस्टरिंग के लिए तीन सीनियर अधिकारियों को निलंबित कर दिया और चेतावनी दी कि भविष्य में ऐसी गलतियां मिलीं तो एयरलाइन का लाइसेंस रद्द हो सकता है। सर्वे में सुझाव दिया गया कि सरकार को DGCA और सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी के साथ मिलकर एक हाई-लेवल कमेटी बनानी चाहिए, ताकि यात्रियों की शिकायतों का बेहतर समाधान हो सके।