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आगामी स्पेक्ट्रम नीलामी में एयरटेल पर रहेगी नजर

Spectrum Auction: पिछले सप्ताह दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने घोषणा की थी कि दूरसंचार कंपनियों को 22 अप्रैल तक नीलामी के लिए बोलियां सौंपनी होंगी

Last Updated- March 11, 2024 | 10:24 PM IST
5G spectrum auctions: Airtel buys 97 MHz spectrum worth Rs 6,857 crore in auction

विश्लेषकों का कहना है कि 2022 की नीलामी में जहां रिलायंस जियो ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और वोडाफोन आइडिया को वित्तीय तंगी का शिकार रही, वहीं मई में होने वाली आगामी स्पेक्ट्रम नीलामी में भारती एयरटेल का दबदबा दिख सकता है।

जेफरीज और ऐ​क्सिस कैपिटल की विश्लेषण रिपोर्टों में कहा गया है कि भारती एयरटेल को कम से कम 6 सर्किल में 1800 मेगाहर्ट्ज और 900 मेगाहर्ट्ज बैंडों में 42 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के लिए लाइसेंस का नवीकरण करना है। इस कारण यह दूरसंचार कंपनी सरकार द्वारा निर्धारित आर​क्षित कीमत पर 3,800 करोड़ रुपये खर्च करेगी।

पिछले सप्ताह दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने घोषणा की थी कि दूरसंचार कंपनियों को 22 अप्रैल तक नीलामी के लिए बोलियां सौंपनी होंगी। इन नीलामी में 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज, 2500 मेगाहर्ट्ज, 3300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज बैंड में उपलब्ध स्पेक्ट्रम शामिल होंगे।

वर्ष 2022 में 5जी स्पेक्ट्रम के लिए नीलामी में बोलियों में प्रतिस्पर्धा देखी गई थी, क्योंकि दूरसंचार कंपनियों ने 5जी के लिए स्पेक्ट्रम खरीदा था और स्पेक्ट्रम के लिए 7 गुना अधिक बोलियां जमा की थीं। ऐ​क्सिस कैपिटल की रिपोर्ट में कहा गया है कि इसकी वजह से भारती और वोडा-आइडिया की 88 प्रतिशत बोलियां 3,300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम बैंडों के लिए थीं।

हालांकि विश्लेषकों ने इस बार प्रतिस्पर्धी तीव्रता काफी कम रहने का अनुमान जताया है। ऐ​क्सिस कैपिटल का कहना है, ‘हमें भारती और वोडाफोन आइडिया द्वारा 3,800 करोड़ रुपये और 2,500 करोड़ रुपये खर्च किए जाने का अनुमान है। जियो द्वारा बोली लगाए जाने की संभावना नहीं है।’ कम बोली की एक और वजह यह भी हो सकती है कि अभी जियो और एयरटेल के 5 जी ग्राहक 20 फीसदी ही हैं और नेटवर्क का उपयोग कम हुआ है।

सरकार ने 10523.15 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के लिए 96,317.65 करोड़ रुपये का संचयी आर​क्षित मूल्य तय किया है। कोटक इ​क्विटीज द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘भारती एयरटेल मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र (800 बैंड में 10 मेगाहर्ट्ज पूरा करने के लिए) और आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, राजस्थान, तमिलनाडु, केरल और प​श्चिम बंगाल (900 बैंड में 5-10 मेगाहर्ट्ज तक पहुंचने के लिए) में सब-गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगा सकती है। सब-गीगाहर्ट्ज के लिए कुल लागत अतिरिक्त 5,000 करोड़ रुपये (20 साल तक 490 करोड़ रुपये सालाना) हो सकती है।’

First Published - March 11, 2024 | 10:24 PM IST

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