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Byju’s की मुसीबत बढ़ाने कूदी अमेरिकी फर्म, दिवाला कार्यवाही की मांग के पीछे BCCI कनेक्शन

Byju's Insolvency proceedings: अगर BCCI मामले में दिवालिया कार्यवाही थम भी जाती है तो Byju's के लिए एक नई मुश्किल आ सकती है। अब सारा मामला कोर्ट के फैसले पर निर्भर करेगा।

Last Updated- August 02, 2024 | 5:02 PM IST
Byju's

Byju’s Insolvency proceedings: एक समय भारत का सबसे कीमती एडटेक कंपनी रही बैजूस (Byju’s) की दिवाला कार्यवाही को लेकर एक फिर बड़ी खबर आई है। अमेरिकी फर्म ग्लास ट्रस्ट ने भारत के कोर्ट से अपील की है कि Byju’s की दिवाला कार्यवाही को रद्द न किया जाए। अमेरिका की फर्म भारत के कोर्ट से यह अपील इसलिए की है क्योंकि ग्लास ट्रस्ट के कर्जदाताओं ने Byju’s को 1 अरब डॉलर का कर्ज दिया था और अभी Byju’s की जो स्थिति है, यह मुश्किल ही लगता है कि वह खुद से कर्ज चुका पाएगी।

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने बताया, ग्लास ट्रस्ट ने कोर्ट से कहा है कि Byju’s के फाउंडर रवींद्रन बायजू और उसके भाई रिजू ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) का बकाया चुकाने के लिए कर्जदाताओं के पैसे का इस्तेमाल किया और इसलिए दिवालियापन की कार्यवाही जारी रहनी चाहिए। ग्लास ट्रस्ट की 1,111 पन्नों की कोर्ट में फाइलिंग में यह कहा गया है लेकिन ये अभी न तो सार्वजनिक है और इसमें जो तर्क दिए गए हैं वे भी पब्लिक में उपलब्ध नहीं हो पाए हैं।

क्यों दिवालिया कार्यवाही नहीं चाहती Byju’s

हालांकि, बायजूस के फाउंडर चाहते हैं कि कंपनी की दिवालिया कार्यवाही को समाप्त कर दिया जाए। रवीन्द्रन ने चेतावनी दी है कि दिवालियेपन के कारण ‘सेवाएं पूरी तरह से बंद हो जाएंगी’ और कर्मचारियों कंपनी छोड़कर जाने लगेंगे। बायजू में लगभग 27,000 कर्मचारी हैं, जिनमें 16,000 टीचर्स शामिल हैं।’

लेकिन रिजू ने 1 अगस्त को एक अलग अदालती फाइलिंग में कहा कि उन्होंने क्रिकेट बोर्ड (BCCI) की निपटान राशि (settlement amount) का पेमेंट पर्सनल फंड और पर्सनल एसेट को बेचकर कर दिया है। हालांकि, बायजू रवींद्रन ने इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

अब अगर BCCI मामले में दिवालिया कार्यवाही थम भी जाती है तो Byju’s के लिए एक नई मुश्किल आ सकती है। अब सारा मामला कोर्ट के फैसले पर निर्भर करेगा। अगर कोर्ट ग्लास ट्रस्ट के पक्ष में फैसला दे देता है तो बैजूस की एसेट यानी संपत्तियां जब्त ही रह जाएंगी।

क्या है Byju’s और BCCI मामला

गौरतलब है कि कंपनी मामलों को लेकर सुनवाई करने वाले कोर्ट यानी नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने 16 जुलाई को भारत की सबसे बड़ी क्रिकेट संस्था BCCI को Byju’s के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने की मंजूरी दे दी थी।

मामला था स्पॉन्सरशिप कॉन्ट्रैक्ट को लेकर। पहले क्रिकेट मैचों में Byju’s भारतीय क्रिकेट टीमों के लिए BCCI के साथ स्पॉन्सरशिप कॉन्ट्रैक्ट के साथ काम करती थी। उस समय कंपनी ने भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी के स्पॉन्सर के रूप में मोबाइल फोन कंपनी ओपो (OPPO) की जगह ली थी। BCCI ने कहा कि Byju’s ने अभी उसके करीब 158.9 करोड़ रुपये नहीं चुकाए हैं। BCCI ने पिछले साल बायजूस की पैरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड (Think & Learn Pvt Ltd) के खिलाफ बकाया न चुकाने के लिए याचिका दायर की थी।

NCLT ने उस समय अपने आदेश में कहा था, ‘कर्ज की मौजूदगी और कर्ज के भुगतान में चूक स्पष्ट रूप से दिख रही है।’ भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड द्वारा दायर याचिका को खारिज करने का कोई कारण नहीं मिलता है।’

First Published - August 2, 2024 | 4:15 PM IST

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