पिछले 19 महीने में 1 लाख प्रत्यक्ष नए रोजगार का सृजन कर ऐपल ने इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में सबसे अधिक कामगारों को रोजगार दिया है।
ये कामगार ऐपल के लिए भारत में सरकार की स्मार्टफोन के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना के तहत आईफोन बनाने में मदद करते हैं।
अगस्त 2021 में पीएलआई योजना शुरू होने के बाद से इन 19 महीनों में इन रोजगारों का अधिसंख्य हिस्सा सृजित हुआ।
आईफोन को एसेंबल करने वाले तीन वेंडर फॉक्सकॉन होन हाई, पेगाट्रॉन और विस्ट्रॉन ने इन नई नौकरियों का 60 फीसदी सृजन किया है। यह पहले से ही लगभग 7,000 नई नौकरियों द्वारा योजना के तहत नए रोजगार पैदा करने की उनकी दूसरे वर्ष की प्रतिबद्धता से अधिक है।
वित्त वर्ष पूरा होने में अभी एक महीना बाकी है, उम्मीद है कि कुछ हजार और नौकरियां बढ़ेंगी।
शेष नौकरियां ऐपल ने ही सृजित की हैं जिनमें घटकों और चार्जरों के सप्लायर शामिल हैं। इन सप्लायर्स ने 40,000 रोजगार का सृजन किया है, जिनमें टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, सैलकॉम्प, एवरी, फॉक्सलिंक, सनवोडा और जैबिल का नाम शामिल है।
आंकड़े तीन वेंडरों और ऐपल पारिस्थितिकी तंत्र में कंपनियों पर आधारित हैं। इन्हें सरकारी अधिकारियो के साथ नियमित रूप से रोजगार के आंकड़े बताने पड़ते हैं।
एक लाख नई नौकरियों में से तमिलनाडु की फॉक्सकॉन हॉन हाई जो विशेष रूप से आईफोन बनाती है उसने सर्वाधिक 35,500 से अधिक या एक तिहाई से ज्यादा लोगों को रोजगार दिया है। इसके अलावा तमिलनाडु की ही पेगाट्रॉन जिसने इस वित्त वर्ष से ही उत्पादन शुरू किया है उसने 14,000 रोजगार के अवसर देकर दूसरा सबसे बड़ी नियोक्ता बन गई है। कर्नाटक की विस्ट्रॉन ने 12,800 लोगों को नौकरियां दी हैं।
हालांकि, ऐपल इंक के प्रवक्ता ने इन रोजगार नंबरों पर पूछे गए सवाल का कोई जवाब नहीं दिया।
आपूर्ति श्रृंखला में, सूत्रों का कहना है कि टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, जो यांत्रिक भागों के लिए ऐपल का प्रमुख घटक आपूर्तिकर्ता है उसने पर्याप्त संख्या में कर्मचारियों को नियुक्त किया है। अन्य योगदानकर्ताओं में जैबिल, फॉक्सलिंक और सनवोडा के साथ 11,000 से अधिक कर्मचारियों के साथ सैलकॉम्प शामिल हैं।
6 अक्टूबर, 2020 को जारी एक सरकारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, यह अनुमान लगाया गया है कि स्मार्टफोन पीएलआई योजना के तहत पांच वर्षों में कुल दो लाख प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे।
यह स्पष्ट है कि उद्योग लक्ष्य हासिल करने के रास्ते पर सही तरीके से चल रहा है और इसका नेतृत्व ज्यादातर ऐपल कर रहा है।
सरकार ने यह भी अनुमान लगाया है कि प्रत्येक प्रत्यक्ष नौकरी के लिए, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में अप्रत्यक्ष नौकरियों की संख्या लगभग तीन गुना सृजित होती है। इस लिहाज से ऐपल द्वारा सृजित प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियों की कुल संख्या तीन लाख के करीब होगी।
इंडिया सेल्युलर ऐंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन के अनुसार, सात वर्षों में मोबाइल डिवाइस निर्माताओं और उनके आपूर्तिकर्ताओं द्वारा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सृजित नौकरियों की कुल संख्या लगभग 20 लाख है।
ऐपल दिसंबर 2022 में एक महीने के भीतर एक अरब डॉलर से अधिक मूल्य के आईफोन निर्यात करने वाली पहली कंपनी भी है। इसने अप्रैल-दिसंबर 2022 की नौ महीने की अवधि में 30,000 करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात किया था, जो देश से कुल स्मार्टफोन निर्यात का लगभग 40 फीसदी था।