एशियन पेंट्स का शुद्ध लाभ दिसंबर में समाप्त तिमाही में 5.6 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 1,072.7 करोड़ रुपये रहा। कंपनी की शुद्धबिक्री 1.3 फीसदी बढ़कर 8,636.7 करोड़ रुपये रही।
पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में परिचालन से इसका राजस्व 8,527.2 करोड़ रुपये और शुद्ध मुनाफा 1,015.7 करोड़ रुपये रहा था। क्रमिक रूप से, एशियन पेंट्स ने परिचालन से अपने राजस्व में 2.1 प्रतिशत की वृद्धि देखी और इसके शुद्ध लाभ में 37 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
एशियन पेंट्स के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्याधिकारी अमित सेंगल ने विज्ञप्ति में कहा, अक्टूबर तक मॉनसून की बारिश ने भी त्योहारी सीजन में खुदरा मांग पर असर डाला, लेकिन नवंबर व दिसंबर में मांग ने जोर पकड़ी, जिससे दिसंबर में डेकोरेटिव बिजनेस की बढ़त की रफ्तार दो अंकों में रही।
उन्होंने कहा, 9 महीने के आधार पर डेकोरेटिव बिजनेस का वॉल्यूम दो अंकों में बढ़ना जारी है। उन्होंने यह भी कहा कि परिचालन मार्जिन में क्रमिक आधार व सालाना आधार पर मजबूत सुधार दर्ज हुआ, जिसकी वजह कच्चे माल की कीमतों में नरमी रही।
अंतरराष्ट्रीय कारोबार की स्थिति मिलीजुली रही और पश्चिम एशिया व अफ्रीका में खासी बढ़त हुई, वहीं दक्षिण एशियाई बाजारों खास तौर से श्रीलंका व बांग्लादेश में प्रतिकूल विदेशी विनिमय व आर्थिक हालात के कारण भारी असर पड़ा।
प्रभुदास लीलाधर ने कहा है कि एशियन पेंट्स ने हर मोर्चे पर अनुमान से कमजोर आंकड़े पेश किए हैं। मार्जिन में सुधार सकारात्मक है, जिसके बारे में हमारा मानना है कि चौथी तिमाही में भी यह बेहतर रहेगा। हालांकि एशियन पेंट्स का मार्जिन अंतत: ऐतिहासिक स्तर से नीचे रह सकता है क्योंकि ग्रासिम पेंट कारोबार में उतरने वाली है।
पेंट्स की प्रमुख निर्माता कंपनी के होम डेकोर में लगातार विस्तार जारी रहा लेकिन इस तिमाही में बाथ और किचन व्यवसाय में कुछ मंदी देखी गई। इसके औद्योगिक व्यवसाय ने ऑटो ओई (मूल उपकरण) और सामान्य औद्योगिक क्षेत्रों में मजबूत वृद्धि देखी।
हिंदुस्तान जिंक का मुनाफा घटा
वेदांत समूह की कंपनी हिंदुस्तान जिंक के शुद्धलाभ में दिसंबर तिमाही में गिरावट आई है, जिसकी वजह जस्ते की कम कीमत व चांदी का उत्पादन है। कंपनी का एकीकृत शुद्धलाभ दिसंबर तिमाही में सालाना आधार पर 20.2 फीसदी की गिरावट के साथ 21.56 अरब रुपये रहा।
कंपनी का एकीकृत जस्ता उत्पादन 2 फीसदी घटकर 2.10 लाख टन रहा, जिसकी वजह अच्छी गुणवत्ता वाले अयस्क का अभाव थी। चांदी का उत्पादन 7 फीसदी घटा।
जस्ते की मांग पर उच्च महंगाई, बढ़ती ब्याज दर और चीन में नरमी का असर पड़ा। जस्ते की कीमत दिसंबर तिमाही में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले कम था, जिसका हिंदुस्तान जिंक के राजस्व पर असर पड़ा।