इलेक्ट्रिक स्कूटर बनाने वाली कंपनी एथर एनर्जी तीसरा कारखाना लगाने जा रही है, जो महाराष्ट्र के औरंगाबाद में होगा। इस कारखाने में हर साल 10 लाख दोपहिया बनाए जा सकेंगे। घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि कारखाने के लिए जल्द ही राज्य सरकार के साथ समझौते पर दस्तखत किए जाएंगे। एथर एनर्जी के प्रवक्ता ने इस बारे में पूछने पर कोई जवाब नहीं दिया। कंपनी ने इस कारखाने पर कई चरणों में 1,000 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बना ली है। कारखाना 100 एकड़ में फैला होगा।
एथर का यह कारखाना बिडकिन शहर में औरंगाबाद इंडस्ट्रियल सिटी में लगाया जाएगा, जो औरिक सिटी के नाम से भी मशहूर है। बिडकिन दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे में 10,000 एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में बन रहे नए औद्योगिक स्मार्ट शहर का हिस्सा है। इस औद्योगिक क्षेत्र की 60 फीसदी जमीन इलेक्ट्रॉनिक्स, इंजीनियरिंग, टेक्सटाइल, खाद्य और रक्षा उत्पादन के लिए होगी। बाकी जमीन वाणिज्यिक और आवासीय परियोजनाओं के लिए होगी।
कंपनी के दो कारखाने तमिलनाडु के होसुर में हैं, जिनमें एक वाहन असेंबली कारखाना और दूसरा बैटरी कारखाना है। असेंबली कारखाने में सालाना 4.20 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया बन सकते हैं। पहले एथर नए कारखाने के लिए गुजरात, तमिलनाडु और कर्नाटक में जमीन तलाश रही थी। सूत्रों ने कहा कि नए कारखाने से कंपनी को महाराष्ट्र और गुजरात जैसे प्रमुख बाजारों में इलेक्ट्रिक वाहन पहुंचाने में मदद मिलेगी। इसके
साथ ही दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे के जरिये कंपनी उत्तर भारत में भी अपने ई-स्कूटर आसानी से पहुंचा पाएगी।
औरंगाबाद कई दशक से वाहन उद्योग का केंद्र बना हुआ है। यहां बजाज ऑटो के साथ ही स्कोडा का भी कारखाना है। बजाज का इलेक्ट्रिक वाहन कारखाना महाराष्ट्र के चाकण में भी है। प्रमुख दोपहिया कंपनी टीवीएस मोटर्स का इलेक्ट्रिक स्कूटर कारखाना होसुर में है और ग्रीव्स इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का संयंत्र तमिलनाडु के रानीपेट में है।
एथर एनर्जी इस साल के अंत तक या अगले साल की शुरुआत में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने की योजना भी बना रही है। कंपनी उससे पहले जोर-शोर से पूंजी जुटाने और क्षमता बढ़ाने पर ध्यान दे रही है। एथर अगले कुछ महीनों में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास आईपीओ का मसौदा जमा कराना चाहती है।