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फोर्ड की धमाकेदार वापसी के इंतजार में नया मरैमलाई नगर, हेनरी फोर्ड रोड पर लौटी रौनक 

शनिवार को भारतीय बाजार में फोर्ड की वापसी की खबर आने के बाद से ही वहां की हवा में नई ताजगी महसूस की जा सकती है।

Last Updated- September 15, 2024 | 10:19 PM IST
Ford's comeback brings new life to Maraimalai Nagar after two-year lull फोर्ड की धमाकेदार वापसी के इंतजार में नया मरैमलाई नगर, हेनरी फोर्ड रोड पर लौटी रौनक

चेन्नई से करीब 50 किलोमीटर दूर मरैमलाई नगर की हेनरी फोर्ड रोड साल 2022 में फोर्ड कारखाने का परिचालन बंद होने के बाद पिछले दो वर्षों से सुनसान पड़ी है। मगर शनिवार को भारतीय बाजार में कंपनी की वापसी की खबर आने के बाद से ही वहां की हवा में नई ताजगी महसूस की जा सकती है।

भले ही फोर्ड वही कंपनी है, मगर पिछले दो वर्षों के दौरान काफी कुछ बदल चुका है और मरैमलाई नगर अब चेन्नई के बाहरी क्षेत्र का एक कम विकसित इलाका नहीं रह गया है। वहां अब आठ लेन वाली चौड़ी सड़कें, होटल और कैफे जैसी सुविधाएं आसानी से दिख सकती हैं जबकि 2022 में वहां मुश्किल से एक या दो चाय की दुकान रही होगी। इतना ही नहीं 3 से 5 किलोमीटर के दायरे में आपको पैंटालून, ट्रेंड्स, केएफसी, बर्गर किंग, मैकडॉनल्ड्स जैसी कई प्रमुख खुदरा श्रृंखलाएं एवं अंतरराष्ट्रीय ब्रांड के शोरूम दिख जाएंगे। इसलिए फोर्ड की वापसी अब चेन्नई के महज एक बाहरी इलाके के बजाय नए मरैमलाई नगर में होने जा रही है जो चेन्नई का लगभग विस्तार ही है।

बाहर से देखने पर आपको हाउसकीपिंग स्टाफ पहले से ही तेजी से काम करते दिख जाएंगे जो शायद कंपनी की शानदार वापसी की तैयारी हो सकती है। एक सुरक्षाकर्मी ने कारखाने के भीतर काम कर रहे लोगों की तस्वीर लेने से मना करते हुए कहा, ‘अभी केवल घोषणा हुई है। यहां प्रक्रिया पूरी होने में कम से कम छह महीने और लगेंगे।’ फोर्ड मोटर कंपनी ने शुक्रवार को निर्यात के लिए अपने मरैमलाई कारखाने में उत्पादन दोबारा शुरू करने की घोषणा की। इससे पता चलता है कि सितंबर 2021 में भारतीय बाजार से बाहर होने की घोषणा करने के बाद अमेरिकी वाहन कंपनी भारतीय बाजार में वापसी के लिए संभवत: तैयार है।

फोर्ड कारखाने के सामने एक नए कैफे में काम करने वाले राजा हुसैन उन पुराने दिनों को याद करते हैं जब फोर्ड के इस कारखाने में उत्पादन अपने चरम पर था। उस दौरान  हुसैन फोर्ड बस स्टॉप पर मौजूद एकमात्र चाय की दुकान पर काम कर रहे थे। मगर अब उस जगह 15 से 20 दुकानें खुल गई हैं। हुसैन ने कहा, ‘शाम के समय कर्मचारी हमारी दुकान पर आते थे। यह उनके लिए राजनीति पर चर्चा और गपशप करने का स्थान था। मगर अब यह इलाका बिल्कुल शांत है।’

उसी इलाके में जूस की दुकान पर काम करने वाले मोहम्मद इकबाल ने भरोसा जताया कि फोर्ड की वापसी से उनकी बिक्री बढ़ेगी। उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि बिक्री दोगुनी हो जाएगी। फोर्ड बस स्टॉप जल्द ही फोर्ड सिटी तक फैल सकता है।’ हेनरी फोर्ड रोड इलाके में एकमात्र अन्य विनिर्माण कारखाना हैनॉन सिस्टम्स है। वह ईवी एवं अन्य वाहनों के लिए ऑटोमोटिव थर्मल और ऊर्जा प्रबंधन उपकरणों की आपूर्तिकर्ता है। हैनॉन सिस्टम्स कारखाने के कर्मचारियों के कारण ही उस सड़क पर कुछ हलचल दिखती है।

फोर्ड का चेन्नई कारखाना करीब 350 एकड़ क्षेत्र में फैला है। उसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता करीब 2,00,000 वाहनों और 3,40,000 इंजन की है। मरैमलाई नगर को एक आकर्षक जगह माना जाता है क्योंकि यह चेन्नई बंदरगाह से बमुश्किल 50 किलोमीटर और एन्नोर बंदरगाह से 74 किलोमीटर दूर है। इस कारखाने में फोर्ड ईकोस्पोर्ट और फोर्ड एंडेवर का उत्पादन होता था जहां करीब 1 अरब डॉलर का निवेश किया गया था। कभी इस कारखाने में बनी कारों का निर्यात करीब 37 देशों को किया जाता था।

इस कारखाने के बॉडी शॉप में काम कर चुके कर्मचारी और चेन्नई फोर्ड वर्कर्स यूनियन के पूर्व नेता एस अरुण ने कहा, ‘हमें खुशी है कि फोर्ड वापस आ रही है। हम उम्मीद करते हैं कि कंपनी हमारे जैसे कर्मचारियों की विशेषज्ञता का उपयोग करेगी।’ मरैमलाई कारखाने का परिचालन बंद होने के साथ ही फोर्ड कर्मचारियों की यूनियन भी निष्क्रिय हो गई थी।

दूसरी ओर डीलर भी इस घटनाक्रम से काफी उत्साहित दिख रहे हैं। कर्नाटक में कार और दोपहिया वाहन विनिर्माताओं के लिए डीलरशिप चलाने वाले फोर्ड के एक पूर्व डीलर ने कहा कि अगर कंपनी भारत में वापसी करती है तो वह साझेदारी के लिए
तैयार हैं।

पूर्व डीलर कहा, ‘कंपनी हमेशा अपने डीलरों के साथ अच्छी रही है।’ मगर उन्होंने यह भी कहा कि डीलरों को दोबारा नियुक्त करने की योजना पर फिलहाल कोई बातचीत शुरू नहीं हुई है। डीलर सूत्रों ने कहा कि फोर्ड ने जब भारतीय बाजार में दस्तक दी थी तो यह मुख्य तौर पर छोटी कारों का बाजार था। इसलिए उसने फिगो जैसी छोटी कारों को यहां लाने की योजना बनाई थी। मगर अब भारत एसयूवी का बाजार बन गया है, लेकिन यहां के ग्राहक कीमत को लेकर सतर्क दिखते हैं।

उन्होंने कहा, ‘अगर फोर्ड भारतीय बाजार में वापसी करती है तो उसे बेहद सावधानी से मॉडलों का चयन करना होगा। अमेरिकी कार कंपनी आम तौर पर बड़ी कारों का उत्पादन करती है, मगर भारत अभी भी कॉम्पैक्ट एसयूवी का बाजार है।’

बहरहाल, फोर्ड ने भारतीय बाजार में वापसी का विकल्प खुला रखा है। डीलरशिप को दी गई आकर्षक विकल्प इसका एक उदाहरण है। फोर्ड के डीलर ने कहा, ‘कंपनी ने जब भारतीय बाजार से बाहर होने की घोषणा की थी तो डीलरों के पास 7,000 से 8,000 अनबिके वाहन मौजूद थे। मगर कंपनी ने स्टॉक को भुनाने में वित्तीय तौर पर डीलरों की मदद की थी। उसने अगले 10 वर्षों के लिए पर्याप्त कलपुर्जों का उत्पादन किया और उन्हें गोदामों में रखा।’

उन्होंने कहा कि कंपनी ने हरेक डीलर के नुकसान का आकलन (पिछले साल की बिक्री के आधार पर) किया और नुकसान की भरपाई के लिए अगले पांच साल तक भुगतान किया। उसमें मूल्यह्रास पर भी गौर किया गया था। सर्विस जारी रखने के लिए कंपनी ने आगामी वर्षों के लिए सर्विस लोड में गिरावट का आकलन किया और उसके लिए डीलरों को मुआवजा भी दिया।

एक अन्य डीलरशिप ने कहा, ‘उसने सुनिश्चित किया कि ग्राहकों के लिए मानक एवं अनुभव में कोई कमी न आने पाए।’ 16 अन्य वाहन ब्रांडों के लिए काम करने वाले इस डीलरशिप ने कहा कि कंपनी ने भारतीय बाजार में अपनी वापसी का विकल्प खुला रखा है। सभी पिछले डीलरशिप उसका स्वागत करने के लिए तैयार हैं।

मरैमलाई नगर में हर कोई फोर्ड और बाहरी लोगों को केवल इतना बताना चाहता है, ‘फोर्ड अब भी वही फोर्ड है, मगर मरैमलाई नगर तेजी से विकसित होने वाली जगह और कंपनी के लिए एक नई यात्रा होगी।’

(साथ में सोहिनी दास)

First Published - September 15, 2024 | 10:19 PM IST

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