Zee-Sony Merger: जी एंटरटेनमेंट और सोनी पिक्चर्स नेटवर्क इंडिया के मर्जर डील को हरी झंडी दिखाने के नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के फैसले को एक्सिस फाइनैंस ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) में चुनौती दी है। कंपनी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। एक्सिस फाइनैंस का यह कदम NCLT की मुंबई बेंच के उस आदेश के एक महीने बाद आया है जिसमें NCLT ने 10 अगस्त को जी-सोनी मर्जर को हरी झंडी दे दी और इसके खिलाफ दायर सभी आवेदनों को खारिज कर दिया था।
कंपनी ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि NCLAT की दिल्ली बेंच के समक्ष एक्सिस फाइनैंस लिमिटेड की ओर से एक अपील दायर की गई है, जिसमें NCLT की मुंबई बेंच द्वारा पारित 10 अगस्त, 2023 के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें जी-सोनी मर्जर को मंजूरी दी गई थी।
10 अरब डॉलर के इस मर्जर की घोषणा मूल रूप से वर्ष 2021 में की गई थी। मगर इस मर्जर की योजना को तब झटका लगा जब भारतीय प्रतिभूति और विनमय बोर्ड (SEBI) ने जी के CEO पुनित गोयनका पर प्रतिबंध लगा दिया।
पुनित गोयनका की अपील पर प्रतिबंध हटाने में विफल रहने के बाद ज़ी ने बाद में कंपनी का संचालन जारी रखने के लिए अपने बोर्ड की देखरेख में एक अंतरिम समिति का गठन किया।
गोयनका ने जून में द इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि विलय आगे बढ़ेगा चाहे वह नई इकाई के सीईओ हों या नहीं।
बता दें कि राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) ने मीडिया एवं मनोरंजन क्षेत्र की कंपनी ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (Zee Entertainment) और कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट (पूर्व में सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया) के विलय को मंजूरी दे दी थी।
एनसीएलटी की मुंबई पीठ ने दोनों कंपनियों के विलय (Zee-Sony merger) की मंजूरी देकर 10 अरब डॉलर की दिग्गज मीडिया कंपनी के अस्तित्व में आने का रास्ता खोल दिया है। यह अपने क्षेत्र में देश की सबसे बड़ी कंपनी होगी।
एच वी सुब्बा राव और मधु सिन्हा की पीठ ने इस विलय को लेकर दायर सभी आपत्तियों को भी खारिज कर दिया। एनसीएलटी ने 11 जुलाई को कई कर्जदाताओं की आपत्तियां सुनने के बाद विलय पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
न्यायाधिकरण ने एक्सिस फाइनेंस, जेसी फ्लावर एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी, आईडीबीआई बैंक, आईमैक्स कॉर्प और आईडीबीआई ट्रस्टीशिप जैसे कर्जदाताओं की दलीलें सुनी थीं।