रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईटीसी और जेएसडब्ल्यू ने बुधवार को पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर निवेश का ऐलान किया जबकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने औद्योगिक वृद्धि और कारोबार का अनुकूल माहौल पैदा करने के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता जताई। ये सभी घोषणाएं ‘बंगाल वैश्विक व्यापार शिखर सम्मेलन’ (बीजीबीएस) 2025 में की गईं।
इस सम्मेलन के जरिये राज्य सरकार विभिन्न क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने और राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की दिशा में सक्रिय है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी कंपनी इस दशक के अंत तक राज्य में 50,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। अंबानी ने कहा, ‘एक दशक से भी कम समय में बंगाल में हमारा निवेश 20 गुना बढ़ा है और हमने 50,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। हम इस दशक के अंत तक इस निवेश को दोगुना कर देंगे। हमारा निवेश डिजिटल सेवाओं, हरित ऊर्जा और खुदरा सहित कई क्षेत्रों से जुड़ा होगा।’
शिखर सम्मेलन में कई अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएं भी हुईं। इनमें कोलकाता के न्यू टाउन क्षेत्र में आर्टिफिशल इंटेजिजेंस (एआई) के लिए आईटीसी के एक वैश्विक उत्कृष्टता केंद्र का अनावरण भी शामिल है। मुख्यमंत्री ने इस केंद्र का ऑनलाइन उद्घाटन किया। आईटीसी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक संजीव पुरी ने आतिथ्य क्षेत्र में निवेश के लिए बंगाल की संभावनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि कंपनी राज्य में अपनी मौजूदगी का विस्तार करना जारी रखेगी।
जेएसडब्ल्यू समूह के चेयरमैन सज्जन जिंदल ने भी बंगाल के सालबोनी में 1,600 मेगावॉट की बिजली परियोजना विकसित करने के लिए 16,000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कंपनी भविष्य में इसी पैमाने के अतिरिक्त निवेश के साथ अपनी क्षमता दोगुनी करने की योजना बना रही है। सम्मेलन में आए निवेशकों एवं उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने बंगाल में कारोबार सुगमता के लिए एक नई राज्य-स्तरीय तालमेल समिति के गठन की घोषणा की। बनर्जी ने कहा, ‘यह समिति बंगाल में कारोबार करने से संबंधित सभी तरह की मंजूरियां एक ही स्थान पर उपलब्ध कराएगी।’ उन्होंने
देवचा-पचामी कोयला खदान परियोजना का बुनियादी ढांचा तैयार होने और कोयला खनन जल्द शुरू होने की जानकारी देते हुए कहा, कि जमीन मालिकों के परिजनों को नौकरी दी जाएगी।