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टाइगर ग्लोबल, चिराते पर धोखाधड़ी का केस, NestAway के को-फाउंडर का आरोप

उड़ीसा उच्च न्यायालय ने पिछले साल 10 दिसंबर से अब तक इस मामले से जुड़ी तीन याचिकाओं पर सुनवाई की है। मामले की अगली सुनवाई 9 जनवरी को की जाएगी।

Last Updated- January 02, 2025 | 9:39 PM IST
NestAway co-founder accuses Tiger Global, Chiratae, Goldman Sachs of fraud टाइगर ग्लोबल, चिराते पर धोखाधड़ी का केस, NestAway के को-फाउंडर का आरोप

किराये पर मकान देने वाले प्लेटफॉर्म नेस्टअवे के सह-संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी रहे अमरेंद्र साहू ने अपने प्रमुख निवेशक टाइगर ग्लोबल, गोल्डमैन सैक्स और चिराते वेंचर्स के साथ-साथ साथी सह-संस्थापक जितेंद्र जगदेव और स्मृति परीडा के खिलाफ आपराधिक मुकदमा किया है। साहू ने अपने गृह राज्य ओडिशा में भुवनेश्वर पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओडब्ल्यू) में इनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। अपनी शिकायत में उन्होंने टाइगर ग्लोबल, गोल्डमैन सैक्स, चिराते वेंचर्स और कंपनी के अन्य सह-संस्थापकों पर धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा, दस्तावेज जालसाजी और धमकी देने का आरोप लगाया है। उड़ीसा उच्च न्यायालय ने पिछले साल 10 दिसंबर से अब तक इस मामले से जुड़ी तीन याचिकाओं पर सुनवाई की है। मामले की अगली सुनवाई 9 जनवरी को की जाएगी।

साहू ने आरोप लगाया है कि कंपनी के निदेशक के तौर पर उनके हस्ताक्षर का इस्तेमाल 28 जून, 2023 को प्रॉपटेक फर्म ऑरम को नेस्टअवे की 90 करोड़ रुपये की बिक्री को मूर्त रूप देने के लिए अवैध तरीके से किया गया था। साहू का दावा है कि उन्होंने निदेशक की भूमिका से सौदा पूरा होने से हफ्ते भर पहले उसी साल 19 जून को इस्तीफा दे दिया था। बिज़नेस स्टैंडर्ड ने भी एफआईआर की प्रति देखी है।

इसके अधिग्रहण के बाद से नेस्टअवे का मूल्यांकन 95 फीसदी तक गिर गया था। साल 2015 में स्थापित बेंगलूरु की इस कंपनी ने कुछ वर्षों में ही 11.6 करोड़ डॉलर की रकम जुटाई थी। नेस्टअवे की हालिया फंडिंग साल 2019 में हुई थी जब उसने 22 करोड़ डॉलर (1,810 करोड़ रुपये) के मूल्यांकन पर टाइगर ग्लोबल, यूसी आरएनटी फंड, फ्लिपकार्ट, गोल्डमैन सैक्स और यूरी मिल्नर जैसे प्रमुख निवेशकों से रकम जुटाई थी।
हालांकि, इस बारे में पूछे जाने पर चिराते को भेजे गए ईमेल का खबर प्रकाशित होने तक कोई जवाब नहीं मिला है।

प्राथमिकी में साहू ने कहा है कि साल 2020 से 2022 तक वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान परिचालन प्रभावित होने के कारण कंपनी को भारी नुकसान हो रहा था। महामारी की स्थिति और बुजुर्ग माता-पिता के कारण साहू ओडिशा में अपने घर से दफ्तर का काम कर रहे थे। जब कंपनी विकट आर्थिक स्थिति का सामना कर रही थी तब गोल्डमैन सैक्स और टाइगर ग्लोबल जैसे निवेशकों ने आर्थिक हानि और प्रतिष्ठा धूमिल होने की आशंका पर बोर्ड छोड़ दिया था।

इसके अलावा जितेंद्र जगदेव, स्मृति परीदा और दीपक धर भी कंपनी से अलग हो गए थे मगर मैं बगैर किसी आर्थिक लाभ के कंपनी में बरकरार रहा और मेरे प्रयास और समर्पण के कारण कंपनी बची रही एवं फिर से उसकी स्थिति में सुधार आया।

साहू का आरोप है कि इस बीच निवेशकों में से एक ने जितेंद्र जगदेव के साथ मिलकर साहू एवं 250 शेयरधारकों के बिना ही काफी कम कीमत पर अपने शेयर ऑरम को बेच दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि सौदा नहीं पूरा होने की डर से निवेशकों ने उन्हें अपने शेयर बेचने और दूसरों के भी शेयर बेचने में मदद करने के लिए राजी किया।

उल्लेखनीय है कि अमरेंद्र साहू ने अपनी शिकायत में दावा किया गया है कि टाइगर ग्लोबल, गोल्डमैन सैक्स और चिराते वेंचर्स सहित प्रमुख निवेशकों ने उन्हें ईमेल, व्हाट्सएप संदेशों और फोन कॉल के जरिये आश्वासन दिया कि उन्हें उनकी पांच फीसदी हिस्सेदारी के ऊपरी मूल्य पर अतिरिक्त 11.72 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। मगर लेनदेन पूरा होने के बाद वे इस वादे से मुकर गए।

First Published - January 2, 2025 | 9:39 PM IST

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