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CEO survey 2025: खपत, खर्च व भर्ती में आएगी तेजी

सर्वेक्षण में 80% सीईओ ने कर प्रोत्साहन की जरूरत बताई, 60% ने अधिक भर्ती और 42% ने वेतन बढ़ाने की योजना बनाई

Last Updated- December 31, 2024 | 10:46 PM IST
Early bird hints at a slowdown in corporate earnings कंपनियों की कमाई में सुस्ती आई, वृद्धि की रफ्तार पिछली 14 तिमाहियों में सबसे कम

देश के कंपनी जगत के प्रमुखों को उम्मीद है कि नए वर्ष में उपभोक्ता खर्च और मांग में सुधार होगा और वे कंपनी की कमाई में अच्छी बढ़ोतरी के बीच 2025 में अधिक निवेश करने और भर्ती की रफ्तार बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। दिसंबर महीने में बिज़नेस स्टैंडर्ड ने कंपनियों के 50 मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) का सर्वेक्षण किया जिनमें से 80 फीसदी सीईओ का मानना है कि खपत में सुधार के लिए आम जनता को अधिक कर प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। वर्ष 2024 में उच्च ब्याज दरों, कीमतों में बढ़ोतरी, खाने-पीने की चीजें महंगी होने के चलते विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में खपत पर दबाव बढ़ा।

वर्ष के आखिरी कुछ महीनों के दौरान ग्रामीण क्षेत्र की मांग में सुधार के संकेत मिले हैं ऐसे में कॉरपोरेट क्षेत्र के दिग्गजों का मानना है कि देश के दूरदराज के इलाकों से मांग बढ़ने के चलते खपत में सुधार होगा। सर्वेक्षण में शामिल 68 फीसदी सीईओ ने कहा कि 2024 की तुलना में 2025 में ग्रामीण क्षेत्र की मांग बेहतर होगी। खपत में मंदी के अलावा, वैश्विक व्यापार को प्रभावित करने वाले भू-राजनीतिक तनाव, कारोबार जगत के दिग्गजों के लिए चिंता का प्रमुख विषय बने हुए हैं।

वैश्विक स्तर पर ऐसी चिंता जताई जा रही है कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के राष्ट्रपति का पदभार डॉनल्ड ट्रंप के संभालने के बाद, अमेरिका व्यापार के मोर्चे पर कड़े कदम उठाने की पहल कर सकता है। भारतीय कंपनियों के सीईओ इस बात को लेकर आशावादी हैं कि नए वर्ष में घरेलू शेयर बाजार और व्यापक अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संभावनाएं बनेंगी। उन्हें यह भी उम्मीद है कि नए वर्ष में ट्रंप के कार्यभार संभालने के साथ ही अमेरिका और भारत के संबंध भी बेहतर होंगे।

सीईओ ने नए वर्ष की प्रमुख चिंताओं में चीन से भारत में बढ़ते आयात और इजरायल तथा यूक्रेन-रूस संघर्ष के कारण बनी अनिश्चितता की स्थिति को शामिल किया है। सितंबर तिमाही में जीडीपी वृद्धि में मंदी को भी एक बड़ी चिंता बताई गई है। हालांकि भारत सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि सितंबर तिमाही भारत एवं अन्य अर्थव्यवस्थाओं के लिए चुनौतीपूर्ण रही है। लेकिन पिछले तीन वर्षों में भारत की जीडीपी वृद्धि औसतन 8.3 फीसदी रही है।

बेंगलूरु की एक आईटी कंपनी के सीईओ ने कहा, ‘मैं बुनियादी ढांचे में निवेश बढ़ाए जाने और उपभोक्ताओं की जेब में खर्च करने योग्य आमदनी डालने और खपत को बढ़ावा देने के लिए राजकोषीय रियायतें बढ़ाने की उम्मीद कर रहा हूं।’
एक वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनी के सीईओ ने कहा, ‘उन योजनाओं और परियोजनाओं पर ध्यान देने की जरूरत है जिससे उपभोक्ता खर्च और खपत बढ़ेगी। कॉरपोरेट और व्यक्तिगत करों में कटौती के साथ ही जीएसटी दरों को बढ़ाए बिना ही बड़ी आबादी पर कर का बोझ समान रूप से डालकर जीएसटी संग्रह में बढ़ोतरी की जा सकती है।’

सर्वेक्षण में जवाब देने वाले करीब 68 फीसदी सीईओ ने कहा कि 2023 की तुलना में 2024 में उनकी कंपनी ने भर्ती बढ़ाई है। साथ ही 60 फीसदी सीईओ 2024 की तुलना में 2025 में अधिक भर्ती की योजना बना रहे हैं। वहीं 42 फीसदी उत्तरदाताओं ने कहा कि नए साल में अपने कर्मचारियों के वेतन में औसतन 10 फीसदी से अधिक बढ़ोतरी करेंगे क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि 2025 में उनकी कंपनी की कमाई में सुधार होगा।

सर्वेक्षण में शामिल 50 सीईओ में से 40 ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि नए वर्ष में कंपनी की कमाई में 10 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी होगी और केवल 10 फीसदी सीईओ को ऐसा लगता है कि उनकी कंपनी की कमाई में 10 फीसदी से कम बढ़ोतरी होगी।

अर्थव्यवस्था की व्यापक स्थितियों में सुधार के साथ-साथ कंपनियों की कमाई में सुधार के चलते निवेशकों की धारणा में तेजी बनी रहेगी। करीब 56 फीसदी सीईओ को उम्मीद है कि शेयर बाजार में 2025 में 10 फीसदी से अधिक बढ़ोतरी होगी। इसके अलावा 50 फीसदी सीईओ को उम्मीद है कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी बनी रहेगी और 2025 में यह 85 रुपये प्रति डॉलर से अधिक के स्तर पर जा सकता है।

(साथ में देव चटर्जी, अजिंक्य कावले, सोहिनी दास, ईशिता आयान दत्त, जेडन मैथ्यू पॉल, प्राची पिसाल, रोशनी शेखर, पीरजादा अबरार, सुंदर सेतुरामन, अमृता पिल्लै, आतिरा वारियर, शार्लीन डिसूजा, अभिषेक कुमार और अंजलि सिंह)

First Published - December 31, 2024 | 10:46 PM IST

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