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भारत में निवेश बढ़ाने से पहले वैश्विक व्यापार नीति में स्पष्टता चाहता है सिस्को: चक रॉबिंस

रॉबिंस ने कहा कि भारत अब निर्यात के लिए ‘व्यावहारिक’ स्थान है। पिछले साल सिस्को ने चेन्नई के पास अपनी पहली विनिर्माण इकाई शुरू की थी।

Last Updated- July 09, 2025 | 9:53 PM IST
Chuck Robbins, chairman and chief executive of Cisco
सिस्को के चेयरमैन और मुख्य कार्य अधिकारी चक रॉबिंस

सिस्को के चेयरमैन और मुख्य कार्य अधिकारी चक रॉबिंस ने कहा है कि वे भारत में और निवेश करने का फैसला लेने से पहले वैश्विक व्यापार नीतियों के संबंध में स्पष्टता का इंतजार करेंगे। हालांकि उनका मानना ​​है कि भारत निर्यात के लिए व्यावहारिक केंद्र है। मुंबई में संवाददाता सम्मेलन में रॉबिंस ने कहा, ‘मुझे लगता है कि वैश्विक व्यापार के बदलते आयामों में अभी स्थिरता की जरूरत है जिससे कि हम यह सोच सकें कि इसका हमारी दीर्घकालिक योजनाओं पर किस तरह प्रभाव पड़ता है। लेकिन साफ तौर पर भारत इसका बड़ा हिस्सा है।’ अलबत्ता उन्होंने भारत के लिए भविष्य की निवेश योजनाओं के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की। रॉबिंस ने कहा कि आज भारत दुनिया के सबसे बड़े अवसरों में से एक है। उन्होंने कहा, ‘अगर आप अगले पांच से 10 वर्षों पर नजर डालें तो ऐसी कोई और जगह नहीं है जहां आप उस विकास की उम्मीद करेंगे जो हमें यहां देखने को मिलेगा।’

सैन जोस की इस कंपनी ने करीब 18 महीने पहले भारत में एक उत्पाद के साथ विनिर्माण शुरू किया था। अब वह दो और उत्पाद जोड़ने की प्रक्रिया में है। रॉबिंस ने कहा कि भारत अब निर्यात के लिए ‘व्यावहारिक’ स्थान है। पिछले साल सिस्को ने चेन्नई के पास अपनी पहली विनिर्माण इकाई शुरू की थी। हालांकि कंपनी ने निवेश के आंकड़े साझा नहीं किए थे। लेकिन उसने कहा था कि यह केंद्र निर्यात और घरेलू उत्पादन में सालाना 1.3 अरब डॉलर से अधिक के उत्पादन में मदद करेगा।

वैश्विक स्तर पर सिस्को वर्तमान में कोरिया, चीन, ताइवान, मलेशिया और सिंगापुर सहित एशिया के कई स्थानों पर नेटवर्किंग स्विच और राउटर का विनिर्माण करती है। सिस्को ऑप्टिकल, पावरलाइन, डब्ल्यूएलएएन और मीडिया एक्सेस कंट्रोल तकनीक का उपयोग करके चीन में की स्विच का डिजाइन, विनिर्माण और परीक्षण करती है। कंपनी की दो सबसे बड़ी विनिर्माण इकाइयां मेक्सिको और ब्राजील में स्थित हैं।

हालांकि कंपनी क्षेत्र या उत्पादन क्षमता के अनुसार अपने निवेश का खुलासा नहीं करती है, लेकिन इसने साल 2015 के एक बयान में घोषणा की थी कि वह अगले कई वर्षों के दौरान चीन में 10 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना बना रही है। भारत में, जहां वह तीन दशकों से भी अधिक समय से कार्यरत है, कंपनी ने साल 2005 में 1 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की थी। सिस्को का भारत में एक बड़ा अनुसंधान एवं विकास (आरऐंडडी) केंद्र है। हालांकि अब तक देश में इसने कुल कितना निवेश किया है, इसका पता नहीं चल सका है।

शुल्कों के बारे में रॉबिंस ने कहा कि कंपनियां प्रतीक्षा और समीक्षा वाली नीति अपना रही हैं तथा कुछ स्पष्टता के लिए व्हाइट हाउस के संपर्क में हैं। उन्होंने यह भी कहा कि स्पष्टता दिखने पर ही आपूर्ति श्रृंखला की रणनीतियां तय होंगी।

First Published - July 9, 2025 | 9:33 PM IST

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