कंपनी मामलों के मंत्रालय ने अपने अधिकारियों को बैजूस मामले की जांच में तेजी लाने और जल्द रिपोर्ट सौंपने को कहा है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय की क्षेत्रीय टीम एडटेक क्षेत्र की दिग्गज कंपनी के खातों और कंपनी कानून से जुड़ी चूकों की जांच कर रही है।
इस पर प्रतिक्रया करते हुए बैजूस ने कहा कि कंपनी को समय-समय पर सूचना और दस्तावेज जमा करने के लिए कहा जाता रहा है और हमने मंत्रालय को दस्तावेजों के साथ सभी आवश्यक प्रतिक्रियाओं के साथ पूरा सहयोग किया है।
जुलाई, 2023 में मंत्रालय ने हैदराबाद में क्षेत्रीय निदेशक के कार्यालय को बेंगलूरु में पंजीकृत कंपनी थिंक ऐंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के तहत बैजूस का संचालन करने वाली इस इकाई की जांच करने को कहा था।
अपनी वित्तीय रिपोर्ट जमा करने में 22 महीने की देरी के कारण एडटेक कंपनी के वित्तीय खुलासे भी भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) की जांच के दायरे में आ गए थे। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने भी कंपनी के खिलाफ जांच शुरू कर दी थी।
बैजूस की ऑडिटर कंपनी डेलॉयट हैस्किंस ऐंड सेल्स ने भी ने कंपनी के संवैधानिक ऑडिटर से इस्तीफा दे दिया था। 31 मार्च, 2022 को समाप्त वर्ष के लिए ऑडिट किए गए वित्तीय विवरण प्रस्तुत करने में कंपनी के ज्यादा देर करने पर उसने ऑडिट का काम छोड़ दिया था।
बैजूस का मूल्यांकन भी अपने सर्वकालिक उच्च स्तर 22 अरब डॉलर से घटकर करीब 10 फीसदी रह गया है। कंपनी को अपने उन निवेशकों के भी विरोध का सामना करना पड़ रहा है जो इसके प्रबंधकीय ढांचे में बदलाव लाना चाहते हैं और इसके संस्थापक बैजू रवींद्रन को भी मुख्य कार्य अधिकारी के पद से हटाना चाहते हैं।
फिलहाल कंपनी के बोर्ड में रवींद्रन, उनकी पत्नी दिव्या गोकुलनाथ और उनके भाई ऋजु रवींद्रन हैं।