Apple के सबसे बड़े कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग पार्टनर Foxconn उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में नया मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने की योजना बना रहा है। The Economic Times की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी यमुना एक्सप्रेसवे के पास करीब 300 एकड़ जमीन खरीदने की तैयारी में है। अगर यह डील फाइनल होती है, तो यह Foxconn की उत्तर भारत में पहली मैन्युफैक्चरिंग यूनिट होगी।
रिपोर्ट में बताया गया है कि ग्रेटर नोएडा में बनने वाला यह प्लांट बेंगलुरु में प्रस्तावित यूनिट से भी बड़ा हो सकता है, जिसे Foxconn का दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा प्लांट कहा जा रहा है। फिलहाल, इस नए प्रोजेक्ट में क्या मैन्युफैक्चर किया जाएगा, यह तय नहीं हुआ है। इस बारे में कंपनी और सरकार के बीच बातचीत जारी है।
इस प्रोजेक्ट के तहत सिर्फ मैन्युफैक्चरिंग यूनिट ही नहीं, बल्कि कर्मचारियों के लिए एक बड़ा रेजिडेंशियल कॉम्प्लेक्स भी बनाया जाएगा, जहां करीब 40,000 कर्मचारियों के रहने की व्यवस्था होगी।
Foxconn और Apple भारत में अपनी सप्लाई चेन को मजबूत करने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं, ताकि चीन पर अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ से बचा जा सके। यही वजह है कि कंपनी भारत में बड़े स्तर पर निवेश कर रही है।
Foxconn पहले से ही HCL के साथ मिलकर 50 एकड़ में एक सेमीकंडक्टर असेम्बली और टेस्टिंग (OSAT) यूनिट पर काम कर रहा है। यह नया प्रोजेक्ट उससे अलग होगा। Foxconn इस संयुक्त उद्यम में 37.2 मिलियन डॉलर (करीब ₹310 करोड़) का निवेश कर रही है, जिससे कंपनी की हिस्सेदारी 40% होगी। इस JV के लिए केंद्र सरकार से कैबिनेट मंजूरी का इंतजार है। इसके अलावा HCL-Foxconn की यह जॉइंट वेंचर लार्सन एंड टूब्रो और ताइवानी कंपनी CTCI से भी बातचीत कर रही है।
उत्तर प्रदेश सरकार इस प्रोजेक्ट को लेकर बेहद उत्साहित है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, नोएडा और ग्रेटर नोएडा देश से होने वाले मोबाइल फोन निर्यात में लगभग 50% का योगदान देते हैं। ऐसे में सरकार को भरोसा है कि यह इलाका Apple जैसे वैश्विक ब्रांड के लिए एक आदर्श मैन्युफैक्चरिंग हब बन सकता है।
Foxconn फिलहाल तमिलनाडु के श्रीपेरुंबदूर में iPhone 15 की मैन्युफैक्चरिंग कर रही है। साल 2023 में ट्रंप सरकार के टैरिफ लागू होने के बाद Apple ने भारत से 600 टन यानी करीब 15 लाख iPhones अमेरिका भेजे थे। इसके लिए कंपनी ने चेन्नई एयरपोर्ट पर कस्टम क्लियरेंस की प्रक्रिया को 30 घंटे से घटाकर 6 घंटे करने की मांग की थी, जिसे बाद में मंजूरी मिल गई।