facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

सरकार जल्द करेगी 5जी का पहला गुणवत्ता टेस्टिंग!

Last Updated- January 25, 2023 | 10:51 PM IST
Most 5G users experience reduced 'call drops', faster 'data speeds' 5G यूजर्स में अधिकांश ने 'कॉल ड्रॉप' में कमी, तेज 'डेटा स्पीड' का अनुभव किया

विभिन्न सर्किलों में 5जी ग्राहकों की ओर से कॉल ड्रॉप और खराब ऑडियो कनेक्टिविटी की बढ़ती खबरों से हरकत में आया दूरसंचार विभाग जल्द ही 5जी सेवा का स्वतंत्र गुणवत्ता परीक्षण (क्यूओएस) शुरू कर सकता है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी है।

अधिकारियों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि मंत्रालय को 5जी ग्राहकों की ओर से खराब कॉल कनेक्टिविटी के संबंध में कई शिकायतें मिलीं तथा इस मसले के बारे में दो निजी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं – रिलायंस जियो और भारती एयरटेल को बता दिया गया है, जो वर्तमान में 5जी सेवाएं पेश कर रही हैं।

अधिकारियों ने कहा कि यह पहला परीक्षण वॉयस और डेटा सेवाओं के संबंध में दूरसंचार सेवा प्रदाताओं द्वारा प्रदान किए जाने वाले नेटवर्क की गुणवत्ता का आकलन करने के लिए देश भर में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा समय-समय पर आयोजित किए जाने वाले परीक्षण अभियान की तरह हो सकता है।

हालांकि दूरसंचार ऑपरेटर नियमित रूप से ट्राई को प्रदर्शन निगरानी की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं, लेकिन नियामक स्वतंत्र एजेंसियों के माध्यम से सेवा की गुणवत्ता की जांच और मूल्यांकन भी करता है।

रिलायंस जियो ने मंगलवार को 17 राज्यों के 50 शहरों में अपनी ‘ट्रू 5जी’ सेवाओं की शुरुआत की घोषणा की है, जिससे उसकी कुल 5जी सेवाओं का दायरा बढ़कर देशभर के 184 शहरों तक पहुंच गया है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि उसकी प्रतिस्पर्धी कंपनी भारती एयरटेल की सेवाएं 52 शहरों में चल रही हैं।

कई चुनौतियां

उद्योग के अधिकारियों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि वे 5जी के दायरे में लगातार विस्तार कर रहे हैं और उन इलाकों की पहचान कर रहे हैं, जहां कॉल ड्रॉप अधिक होती हैं।

दूरसंचार सेवा प्रदाता के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा ‘हम लगातार हालात का आकलन कर रहे हैं। जैसा कि किसी भी बड़ी शुरुआत में होता है, यह एक परिवर्तनशील स्थिति है और हम नए उपकरण लगा रहे हैं।’

इस बीच सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) के महानिदेशक एसपी कोचर ने कहा कि शुरुआत के मात्र चार महीने बाद ही 5जी कनेक्टिविटी चरम पर पहुंचने की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए।

कोचर ने कहा कि 5जी स्पेक्ट्रम नई तकनीकी चुनौतियां लेकर आया है। यह सामान्य रूप से छोटे हिस्सों में काम करेगा। फ्रीक्वेंसी बैंड जितना अधिक होगा, वह उतनी ही कम दूरी तक फैल सकता है। इसलिए हिस्सों के बीच की बेहतरीन दूरी अब घटकर 100 मीटर रह गई है, जबकि पहले यह दूरी तीन किलोमीटर थी।

एक अन्य समस्या टावरों पर फाइबर बैकहॉल की कमी थी। 5जी ग्राहकों से पैदा होने वाला ट्रैफिक (लोगों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला डेटा) पहले की तुलना में बहुत अधिक होगा और इसके लिए पर्याप्त बैकहॉल उपलब्ध करना होगा।

कोचर ने कहा कि अधिक क्षमता की जरूरत को देखते हुए ऑप्टिकल फाइबर का इस्तेमाल करना ही एकमात्र हल है। तांबे के तार कम दूरियों तक ही इतना अधिक डेटा ले जा सकते हैं। लेकिन फिलहाल केवल 35 प्रतिशत दूरसंचार टावरों में ही फाइबर बैकहॉल है। नेटवर्क के कुशल परिचालन और गुणवत्ता सेवा वितरण की मदद करने के लिए इसे दोगुना करने की आवश्यकता है।

First Published - January 25, 2023 | 10:51 PM IST

संबंधित पोस्ट