नैशनल कंपनी लॉ अपील ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) ने सोमवार को कहा कि ज़ी-सोनी के विलय को चुनौती देने वाली याचिका पर वह 17 मई को सुनवाई करेगा। ऐक्सिस फाइनैंस और आईडीबीआई ने विलय को एनसीएलएटी में चुनौती दी है।
सुनवाई से पहले आईडीबीआई और ऐक्सिस फाइनैंस एनसीएलटी के फैसले का इंतजार करना चाहती हैं। उन्होंने अपील ट्रिब्यूनल से अनुरोध किया है कि एनसीएलटी के मुंबई पीठ में विलय को आगे बढ़ाने वाली ज़ी की याचिका पर फैसले तक इंतजार किया जाना चाहिए।
एनसीएलटी के मुंबई पीठ में दाखिल याचिका लंबित है और इस पर 25 अप्रैल को सुनवाई हो सकती है। आईडीबीआई बैंक की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कहा है कि एनसीएलटी में ज़ी की याचिका पर होने वाला फैसले का इस पर असर होगा क्योंकि यह विलय का भविष्य तय करेगा।
इस बीच, ज़ी के वकील अरुण कठपालिया ने कहा कि एनसीएलएटी का मामला ज़ी-सोनी विलय को मंजूरी के खिलाफ अपील है जबकि एनसीएलटी में विलय के क्रियान्वयन का मामला चल रहा है।
दो साल तक चली बातचीत के बाद सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया ने जनवरी में विलय करार समाप्त करने के लिए ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड को टर्मिनेशन नोटिस जारी किया था। सोनी समूह के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक ने ज़ी से टर्मिनेशन शुल्क के तौर पर 9 करोड़ डॉलर की मांग भी की है। इस नोटिस पर टिप्पणी करते हुए ज़ी ने कहा था कि वह शेयरधारकों के हितों की सुरक्षा के लिए हर तरह के कदम उठाएगी।